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तिलकमंजरी, का साहित्यिक अध्ययन
( 20 ) वार्ताक - एक प्रकार का शाक विशेष 305 |
( 21 ) विद्रुमलता - 204
( 22 ) हरिचन्दनलता - 57,211, 405
धान्य, तरण तथा औषधियां
(1) कलम - साठी धान विशेष 82, 116, 182, 186 यह शरदऋतु के प्रारम्भ में पक जाता है । परिणमत्कलम कपिलायमानकंदारिके-82 । उत्पाककलमकेदारकपिलाय मानसकलग्राम सीमान्तम् - 182 । समृद्ध कलम के खेतों की सुगन्ध से वनानिल सुगन्धित हो रही थी उदार कलमकेदारपरिमला मोदितवनानिलाम -116 1
( 2 ) कसेरू – शूकर का भोजन तृण विशेष 210 ।
(3) काश - तृण विशेष 21, 25, 395 इसमें श्वेत पुष्प लगता है । ( 4 ) कुम्भिका - जलतृण विशेष - 233 इसमें भी श्वेतपुष्प खिलता है । इसके पुष्प से श्वेतातपत्र की उपमा दी जाती है जृम्भौतानकुम्भिका कुसुमसमभा
साश्वेतातपत्रिकया 233 ।
(5) कुसुम्भ – रक्तवर्ण औषधि 214
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( 6 ) कुश - एक प्रकार का तीक्षण तृण, जिसे अत्यन्त पवित्र माना गया है । 61, 63, 254 । कुश - शय्या का उल्लेख किया गया है कुश तल्पमगात् - 61 इसे हाथ में लेकर पुरोहित शांति जल छिड़कते थे-- 63 | इसे दर्भ भी कहते हैं— 67 ।
( 7 ) तण्डुल - चावल 235
(8) तिल - 67, 97 धान्य विशेष
( 9 ) दूर्वा — दूब 237, 236, 72, 86, 209, 245
199
( 10 ) नल - एक प्रकार का तृण विशेष 126, 251, 199 ।
(11) नागर - सौंठ नामक औषधि विशेष । क्रमुक वृक्ष से लिपटी हुई
नागर लता का उल्लेख किया गया है | 261
( 12 ) नीवार 236 जग ली धान्य विशेष (13) नीली – 227, 125 औषधि विशेष
नीलीरसेनेव - 125
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( 14 ) पिप्पली 211 औषधि विशेष
(15) मंजिष्ठा -- 234 मंजीठ नामक औषधि विशेष
( 16 ) शर - सरकण्डा नामक तृण 21,
184 I