Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ इतिहास
२७४ शृंगारशतक - मनु हरि पत्र सं० १४१ साइज १३४७ इछ । भाषा संस्कृत । विषय-काव्य | (शृं’नार) | रचनांचाल × | लेखनकाल x | पूर्गा एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २७३ |
विषय - इतिहास प्रन्थसंख्या
*७५ गुर्वावति
रचनाकाल x | लेखनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य । वेष्टन नं० २६३ ।
| पत्र [सं० - १० | साइज Ex५ इथ | भाषा - हिन्दी 1 त्रिषय - इतिहास
२७६ गुर्वावल
| पत्र सं० २ | साइज ११४२ इच | मावा संस्कृत विषय इतिहास |. रचनाकाल X | लेन्वनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १३ ।
२७ चौबीसो
भाषा - हिन्दी | i
परिचय | पत्र सं०-१२ | साइज ११४४ इस विषय - इतिहास ! नाकाल x लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दसा - सामान्य | वेष्टन नं० २०२ । २७ जयपुर के शासकों को वंशावलि" 1 पत्र सं--६२ | साज ६x४३ | भाषा - हिन्दा | विषय-इतिहास ! रतनाकाल सं १८६१ | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २८४ | विशेष संवत् १०२३ कात्तिक सुदी ३ से लेकर सं० १३१ माह सुदी तक होने वाले शासकों का विस्तुत परिचय दिया हुआ है |
२७६ जैनबी देश की पत्रिका
इतिहास | रचनाकार-सं० १२० | लेखनकाल x
| पत्र सं०-१० | साइज ६x४३ इन्च भाषा - हिन्दी | त्रिषयपूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य | वेष्टन नं० ५५ ।
यात्रा का वर्णन है । हैदराबाद से मजलसराय ने पानीपत को पत्र लिखा था ।
२८० पट्टायलि
लेखनकाल सं० १ =७६ | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २०३ |
| पत्र सं० ४ । साह ७९५ इन्च | भाषा - हिन्दी । त्रिषय इतिहास | रचनाकाल x |
२८१ चात्रासमुच्चय
रचनाकल × | लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १५० |
| पत्र ० ३ | साइज १०४४२ इञ्च । माषा-संस्कृत | विषय - इतिहास । T
२८२ श्रुतावतार पं० श्रीधर । पत्र सं ० ६ । साइन २०६४ इञ्च । भाषा - संस्कृत | विषय - इतिहास | रचनाकाल x | लेखनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-सामान्य | वेष्टन नं० २७२ |