Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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विषय-सूची
गर्भपडारचक
शांतिनाथस्तोत्र
पार्श्व नामस्तोत्र
दर्शनसार
अनुप्रेक्षा
पद्मक्ति
'गुरावली
चुदी तथा १८४१ फाल्गुण बुदी १ विषय-सूची
समयसार
शालिभद्र चौपाई
२४२० गुटका नं० ११६ |
२४२२ गुटका नं० ११
दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५३५ १.
विषय-सूची
पाखंड पंचासिका
मध्यप्रतिषोध
मोहविनेक
कर्ता का नाम
देवनन्दि
देवसेन लक्ष्मीचन्द्र
विशेष --- पूजाओं का संग्रह है ।
कर्ता का नाम बनारसीदास
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विशेष
लेखनकाल सं० १७२६
१८४१
२४२१ गुटका नं: ११७ । ०६ । साइज १३४६ इन्च | लेखनकाल × । पूर्य एवं सामान्य शुद्ध । दशा- जीर्ण | वेष्टन नं० २५२६ |
विशेष-- गुटके में मनारसीदास कृत समयसार नाटक है ।
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प्राकत
भाषा
संस्कृत
29
साज - १०x६ इञ्च । लेखनकाल - सं० १७२६ मंगल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २५ ३४ |
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ور
37
: HIST
हिन्दी
भाषा
हिन्दी
35
२४२३ गुटका नं० ११६ | साइज-३५ इव । लेखनकाल X। पूर्ण एवं शुद्ध दशाजीर्ण शीर्य । वेष्टन नं० २५३६ ।
विशेष-- कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है।
पत्र सं १५ |ाइज - ६४६ इन्च | लेखनकाल X। पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ।
२४२४ गुटका नं० १२० । पत्र सं० २४ | सदन - १३४४ ३श्च । लेखनकाल x । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५४० ।
कर्चा का नाम
दरदास
33
| संग्रह
विशेष
बनारसीदास
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२४२५ गुटका नं० १२१ । पत्र सं० ६६ | ६ | लेखनकाल- सं० १७२८ मात्र ६. पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य । वेष्टन नं० २५४१ ।
विशेष
६
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