Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह ]
पद
नवकार रासो
गुरुभक्तिगीत
विषय-सूची
नियमसार सटीक
जम्बूस्वामी चौपई
२४७६ गुटका नं० १७४ | पत्र सं० १७ | साइज - २०४७ ६ । लेखनकाल X। श्रपूर्ण एवं शुद्ध दशा-उत्तम । देष्टन नं० २४०५ ।
विशेष --- कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है ।
विषय-सूची
सामायिक पाठ
२४८० गुटका नं० १७५ । पत्र सं० १३२ । साइज = ८६ च । लेखनकाल- सं० १७७६ कार्तिक सुदी १० 1 पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० २५८७ ।
कर्ता का नाम टीकाकार पद्मप्रममलधारिदेव
पांडे जिनदास
स्वयंभू स्तोत्र
चतुर्विंशतितीर्थंकर जयमाल
सिद्धित्रियस्तोत्र
भावनाद्वात्रिंशिका
श्राराधनासार
तत्त्वसार परमानन्द स्तोत्र
दादसीमामा
ג
समन्तभद्राचार्य
नरदेव
देवनन्दि
ג
देवसेन
ג
२४८१ गुटका नं० १७६ | पत्र स० ४० | साइज ७५५ इन्च | लेखनकाल - २१० १७३७ मादत्रा सुदी १५ पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण | वेष्टन नं० २४५१ ।
विशेष- स्तोत्र संग्रह है ।
२४६२ गुटका २०१७ | पत्र सं० १४५ | साइज - ६३४४
२४६२ गुटका नं० १७७ । पुत्र० १३२ साइज - ६४५३ | लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- जीर्ण | वेष्टन नं० २५८८ ।
कर्त्ता का नाम
शुद्ध दशा- जीर्ण शीर्ष । लिपि विकृत है। वेष्टन नं० २५८१ !
विशेष -- हिन्दी पर्यो का संग्रह है।
माष
प्रकृत- संस्कृत हिन्दी
भाषा
प्राक्त
संस्कृत
३५७
लेखनकाल सं० १७८४ पुष ६३
अपन
संस्कृत
39
प्राकृत
विशेष
विशेष
23
संस्कृत
प्राकृत
। लेखनकाल - स० १०२५ । श्रपूर्ण ए
२४८४ गुडका नं० १७६ । पत्र सं० १०४ । साइज ७५३ इव । लेखनकाल - सं० १७६३ द्वितीय अषाढ सुदी २ मंगलवार । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५५२ |