Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 422
________________ waandon चरनदास-- ज्ञानवरोदय ३६,३९१,३७६ चाणक्य | जगन्नाथ सुखनिधान ११ केवल मुक्तिनिराकर श १५२ शिवसाधन नाम ३३३ जगन्नाथ ( पंडितराज) __ मामिनी विलास २५१ नीतिशास्त्र ४५ वृद्ध चाणक्य नीति शास्त्र८३,३८८, राजनीति शास्त्र.५, २६३ लघुचाणक्य ११६ जगतराम चामुसराय चारित्रसार ७, १५२ ज्यरतिमिरमास्कार ३१ भावना संग्रह -३ पद संग्रह १०८ पद्मनंदि पंचविंशति भाष! १५३ जगदीश बारह भावना ११२ जगत शिरोमणि पद व मजन ६ जमाल कवि जमाल के दोहे १०४ जयकीर्ति शीलोपदेशमाला ३६२, ३८१ भवदेव चरित्र ३७६ मुनि चारित्र भूषण महीपाल चरित्र चारित्रवर्धन मुनि कल्याणमन्दिर स्तोत्र टीका ४७ नैषध चरित्र टीका २४ रघुवंश टीका २५२ सूक्तिमुक्तावली टीका २६१ चेतनदास तत्त्वार्यसूत्र माषा १२६ चैनसुख अकृत्रिम चैत्यालयपूजा ३०. जिनसहस्रनामप्जा ३१० छीतर ठोलिया होली चरित्र १०, जयकृष्ण सिद्धान्त कौमुदी टीका २६४ जयचन्द्र छाबडा वत्त्वार्थसूत्रमाषा १३६ द्रव्यसंग्रह भाषा १४१ सर्वार्थ सिद्धि माषा १४६ प्रष्ट पाहुड भाषा १७६ समयसार माषा १६० स्वामी कार्तिकेयानुप्रेक्षा माषा १६२ प्राप्तमीमांसा माषा १६३ देवागम स्तोत्र माषा १६६ प्रमेयरत्नमाला मात्रा १६ कवि छीहल पंधीगीत १५, ३७४ बावनी १०५ यात्मप्रतिबोध जयमाल ३६५

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