Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पदसंग्रह
मनसुख
| महेन्द्र कीत्तिशिखरमहात्म्य २४१ पन्नालाल
श्री महेन्द्रसूरिचारित्रसार मामा १५३
विचार सचरी १७२ पअनंदि पंचविंशति भाषा १५५
अनेकार्य संयह टीका २६५ मनोहरदास
माघधर्मपरीक्षा भाषा ७०
शिशुपालवध २४, २५४ ज्ञानचिंतामणि ७५,७८,११७,१२४,१७६ | माघनन्दिज्ञानपद १६
चविंशतिजिनस्तुति ४७ मम्मट
नीतिसार ३८३ काव्यप्रकाश २७८
वन्देतान जयभारत ३% मत हर सूरि
माणिक्यनन्दिलघु संग्रहणी सूत्र १७०
परीक्षामुख १६८, ३५६, ३८५. मल्लिनाथ सूरि--
| माणिकराजशिशपाल वध टीका २५४,
नलदमयन्ती चरित्र ३२ भ० मल्लिभूषण
माणिक्यसूरिरात्रि मोजन कथा २४०
शकराजहंसराजकथा २३ मल्लिषेणाचार्य
शकुन सारोदार १११ भैरवपद्मावतीकल्प ४०
माधवाचार्यविद्यानुवाद ४१
माधवनिदान ३२ स्यावाद मंजरी २०१
| मानतुगमल्लिघेणसूरि--
भयहर पाश्वनाथ स्तोत्र ३६२ नागकुमार चरित्र १८ सज्जनचित्तवल्लम ३६०,३७३, ३८६ ।
मक्तामरस्तोत्र ४६,८२,१५,६,६६,१०७ महचन्द
११२,२६५,३३५,३३३,३३८,३४८ बारक्खरी दोहा २८७ गणि महिमासागर
मुजादित्य-- . श्राहंत चौपई : २१४
ज्योतिषशास्त्र ३६ महीधर
मेघ विजयमन्त्र महोदधि २५६
जैनेन्द्र व्याकरण टीका २५७
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