Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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बट्टकरस्वामी
मूलचर वप्पभट्ट
चतुर्विंशति जिनस्तुति
वरदराज
सारसंग्रह २०१
लघुसिद्धांत कौमुदी २६० वररुचि
योहासनास २६५
प्राक्त प्रकाश २५६ श्री वराह मिहर
वृहज्जातक २७३ चल्लम
शिशुपालवध टीका २५ वसुनंदि
श्राचारसार वृत्ति १४% उपासकाध्ययन १५० यत्याचार १६५, ३७ वसुनीदेश्रावकाचार १७०, ३८६, देवागमरतोत्र टीका ११६
प्रतिष्ठासार संग्रह २०१, ३८६ वर्तमान उपाध्याय -
किरणावली प्रकाश २६४ वर्द्धमान
मुणरत्नमहोदधि (वृत्ति ) २५७ भट्टारक वर्द्धमान देव
वरंग चरित्र २५३ वाग्भट्ट
वाग्भट्टालंकार ४२,२८० नेमिनिर्वाण २४८
| वाचस्पति मिश्र
___ सांख्य तत्व कौमुदी २०१ वादिचन्द्र
ज्ञानसूर्योदय २७, २५६ वादिराजएकीभाव स्तोत्र ४६, १०३, ११२, २०४,
३३८, ३४२, ३४८, ३६०, ३८५ प्रमाण निर्णय १६८ जिनस्तोत्र ३३३
यशोधर चरित्र २२८ वादीभसिंह- .
क्षत्रचूडामयिक : वामदेव
भावसंग्रह १६४ | वामनाचार्य
काशिका वृति२१७ विजयकीति
चन्दनषष्टिवतोचापन पूजा
औणिक चरित्र २३२ विजय तिलक
जीवविचार स्तोत्र ३६२ विजयदेवसूरि
शीलरास २३ विजयानन्द
क्रियाकलाप २५७
विजयसेन (सूरि)
द्वादशानुप्रेक्षा ३७२
अालोचना स्तवन ३१२ पुण्डरीक विठ्ठल
न न विचार ३२०
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