Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 442
________________ ने मो शिवकुमार शिवदास - शिवधर्मा शिवादित्य - कांजीची पूजा वेतालपंचविंशति २२ शिवानन्दभट्ट शीलभद्र - कातन्त्र व्याकरण महावृत्ति २५६ ܐ ६० शीतलप्रसादजी सप्तपदार्थी (डीका ) २.५० वैद्यरत्न ३४ शुभचन्द्राचार्य प समाधिशतक माया २०० · इष्टोपदेश भाषा २९४ मुक्तावली कमा 34 शुभचन्द्र ( भट्टारक ) ज्ञानात्र १५, २०२, ३४६ ३७२ प पाण्डवपुराण १६, २१६ श्रोणिक चरित्र १२, २३१ श्रष्टाहिका या ४८ "सुभाषिताव ४४,२८ "स्वामी कार्तिकेयानुप्रेक्षा टीका १६१ A SORA FREE 3 करकंडु चरित्र २२० नंदीश्वर कथा २३७ सहस्रमुणी पूजा ६०, ३१८ जीवंधर चरित्र २२१ 'पंचपरमेष्ठिपूजा ६४, ३१४, ३६५ कर्मदहन पूजा ३०८ त्रिंशच्चतुर्विशति पूजा ३१० ३=६ ! शेखर - कुंवर शेरसिंह - श्री शोभन - मंत्रौषध १११ श्रवण पंडित - श्रीकृष्ण अथ : श्रीकृष्ण श्रीचन्द्र श्रीधर- : श्रीकृष्ण गणक पल्पविधान ३१४ साद्ध द्वयद्वीप पूजा ३१ त्रिलोक पूजा ३४६ वीरमदे की बात २२ " चतुर्विंशति जिनस्तुति, २.६.५. बटाला १०१ श्रीधराचार्य - योगरत्नावली २६६ चेतन बत्तीसी अपने E श्रीपति भट्ट - रत्नकरराव शास्त्र १६७ श्रुतावतार २६, २५५ बीजगणित टीका २६१ हमीर आपल वज्रसूची उपनिषत् ७३ पं० श्रीधर - • लो ܕܝܐ सुकुमार्ले वैरिव ६ ला भविष्यदत्त वैरि शुঅণর श जातक पद्धति २७ 'ज्योतिषरत्नमाला २७१ ত ४२३

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