Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 425
________________ - . तीनलोक पूजा ३० | त्रिभुवनचन्द-. सनगिणी ७२ अनित्य पंचासिका ४ महापंडित दोडरमलजी त्रिमल्लक-- मोक्षमार्ग प्रकाश, १६ द्रव्यगुणशतश्लोक ३१ गोमसार मापा १३० त्रिलोचनाचार्यगोमट्टसार संदृष्टि गौवद्धन सप्तसती टोका २४३ संदटि लम्धिसार क्षपणसार १४६ । ज्ञानानंद श्रावकाचार १५५ । थानजी अजमेरा धानविलास ३२३ पुरूषार्थ सिद्धय पाय भाषा १६० दण्डीलब्धिसार क्षपणासार १५० | কালাদা ২৬৪ यात्मानुशासन मापा १७ ब्रह्म दयाल त्रिलोकसार भाषा २४ ठाकुरसी पद . पावनायशकुनसत्तावीसी८० दशरथ निगोल्यागुगा बेलि धर्मपरीक्षा माषा ३२८ नमिराजमति वेलि ३४२ | दामोदरसालूराम संगीतशास्त्रसार ३२० अदाईद्वीपपूजा ३०, | महाकवि दामोदरद्वादशांग पूजा ६११ ऐमिणाहचरिउ २२१ पंचपरमेष्ठी पूजा ३१४ दिवाकरपंजपरमेष्ठी गुणस्तवन ३६४ दिवाकर पद्धति २७२ द्वादशानुप्रेक्षा नेमिपार्श्वनाथ पूजा ३७० दिव्यादित्वाचार्यसतह सप्तपदार्थी २०० पंडित जयमाल ३११ । ब्रह्म दीप-- नाम माला १०० तिलोकचन्द दीपचन्दकासलीवालपद८६ तुलसो-- चौदह गुणस्थान चर्चा (हिन्दी) सोहिणी व्रत विधान १०८ अध्यात्मशानदर्पण ५३ चिदविलास ७३, १५३ तेजपाल अनुमवप्रकाश ७३, १४८, ३७० संभवणाहचरिउ १३३ विनती

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