Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 389
________________ ३७० [ संग्रह पंचमंगल रूपचंद हिन्दी पदसंग्रह द्यानतरस्य कर्मप्रकृतिवणेन बनारसीदास कर्मदासी धानबत्तीसी उपगहन अंग कथा नेमिपार्श्वनाथपूजा जालूराम २५२१ गुटका नं०२१६ । पत्र सं० १८३ | साइज-=xइञ्च | रचनाकाल X| लेखनकाल-सं० १७४६ भादवा मुदी ८ | पूर्ण एवं शुद्ध | दशा-जोगा । घेदन नं० २६।। विशेष-पूजा पाठ संग्रह है। २५३२ गुटका नं० २१७ । पत्र सं. १८६ । साइज-७३४५ इञ्च । लेखनकाल–सं. १६७ ज्येष्ठ बुदो, अर्थ एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६२।। विशेष-कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २५२३ गुटका नं० २१८ । पत्र सं० १६४ । साइज--१४७ इञ्च । ले बन काल-० १८४३ आषाढ सदा १ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २३२५ । विशेष-खुशालचंद कृत कथाकोश हैं । प्रथम ४४ पत्र सं० १८४२ में लिखे हुये हैं । २५२४ गुटका नं०२१६ | पत्र सं० २०० । साइज-८४६३ च । लेखनकाल-. १८४५ | पुर्ण एवं शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६२६ । विशेष-गुटके में रामचन्द्र कृत सीताचरित्र है । पद्य संख्या २५.४६ है। रचनाकाल सं० १७१६ है। २५२५ गुटका नं० २२० । पत्र में० १६२ | साइज-४३४५३ इञ्च । लेखनकाल–० १८०५ | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६२७ । विषय-सूची कर्ता का नाम मापा विशेष अनुभवप्रकाश दीपचन्द कासलीवाल समयसार नाटक बनारसीदास समाषितावली भाषा खुशालचंद २५२६ गुटका नं० २२१ । पत्र सं० १६४ | साइज-2x५ इञ्च । लेखनकाल-सं० १६.१ माह सुदी ६ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २६२८ | विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा कथाकोश अपनश ( विभिन्न कवियों कृत कपात्रों का संग्रह) वशेष

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