Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 414
________________ संग्रह ] ३६५ २६२३ गुटका नं० ३१८ । पत्र सं० ४-१०१ | साइज-५३४४६ इन्च | लेखनकाल–सं० १६२५ मंगसिर मुदी २ । अप्य एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६६७ । विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष पमनंदिपंचविंशति पद्मनंदि संस्कृत पंचारितकाय कुन्दकुन्दाचार्य प्राकृत २६२४ गुटका ने० ३१६ ) पत्र सं० ४-४८ ! सारज-ex७३ च । रचनाकाल X । लेखनकाल-सं० १७२२ मंगसिर सुदी १ । अपूर्ण एका शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २७०४ । विशेष- सांगानेर में पं० कनकचन्द ने कोठ्यारी लालचंद्र के पठनार्य लिपि की । विषय-सूची कर्ता का नाम विशेष सालिभद्र धन्ना चौपई जिनसिंह पूरि रचनाकाल १६७ जीस विरहमान गीत जिनराज पूरि जन्मकु डलिया माषा पं० रहधू २६२५ गुटका नं० ३२० । पत्र सं० १२० 1 साइज--१४५३ हश्च । लेखनकाल x। पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टम नं० २५६१ । विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष जिनसहसनाम स्तोत्र जिनसेनाचार्य संस्कृत इशलाक्षणिकविशेष पूजा अपनीश रत्वनयपूजा प्रारमप्रतिबोध जयमाल साहिल श्रात्मसंबोध जयमाल मंत्रोध पंचासिका पं० राधू 'प्रात्मापुट लन्धि पंचकों ब्यौरों सिद्धमक्ति नंदीश्वर पूजा एकीमावरतीच भाषा पाद हीरानंद चतुर्विशति स्तोत्र संस्कृत लब्धिविधान पूजा हिन्दी पंचसंग्रह माषा । । । । । । । । पदसंग्रह

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