Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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४००
स्यणसार १६१,३८६, श्रष्ट पाहुड ३८२,१७५, ३४७ प्रवचनसार १८२, ३८६ षट पाहुइ १८४,३३२,३६४,३८४,
कानदास---
विहार काव्य २५४ कालिदास
कुमारसंभव २४, २४४ मेघदूत २५, २५१ रघुवंश २५, २५२ श्रु तत्रोध ४२, ११५, २४७ नलोदय २४५
दुर्घट काव्य २६६ काशीराज- .
अमृतमम्जरी काशीनाथ
धातुपाठ २७
समयसार १८६,३८६,
द्वादशानुप्रेता ३६० कुमारिल भट्ट
मीमांसावार्तिक १६१ कुमुदचन्द्रकल्याणमन्दिर स्तोत्र ४६,१७,१०६,११२,
२६४,३३८,३४,१८५, कुलपति मिश्र
रसरहस्य २८० कुशल कवि
गुडी पार्श्वनाथ छंद ११ | केदार भट्ट
वृत्तरत्नाकर ४२, २७५, ३६५ केशव
रविव्रतकथा २२ अध्यात्म स्तोत्र २६३
घातु मंजरी २५८ शीघ्र बोध २८
किशन
नागदमन की कथा ३५८ किशनसिंह
पनक्रिया कोश ५, १५१
बावनी २८ किशोरगोपाल
कुदसियो ७१ कुन्दकुन्दाचार्य
दर्शन प्राश्त ४,१०८,१२३,१७४ नियमसार ४,१५५,३८६ पंचास्तिकावk,१४३, ३८६, १६५ लिंगपाहुड
श्रीगणक केशव
जातक पद्धति २७० केशवदास
रसिकप्रिया १००, ११७
रामचन्द्रिका केशवदास
गुणदिवेकवार ३४३ | केशवदास नयनसुख
वैच मनोत्सव १०१,३५
सूत्र प्राभूत चारित्र प्राभूत ६ शील प्राभृत १४६
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