Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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विशेष – मार्गगणात्रों के भेद प्रभेद दिये हुये हैं ।
२५६६ गुटका नं० २६४ पत्र ०६६ साइज ६ लेखनकाल सं० १०५० ज्येष्ठ सुदी ७ गुरुवार । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २६०५ १
विषय-सूची
हठप्रदीप
गोरखशत
परीमान
विषय-सूची
रत्नदीपिका
२६०० गुटका नं० २६५
सामान्य शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं० २६८
कर्ता का नाम
वसुधारा पानामतीय
शत्रु जयतीर्थ महात्म्य
यादीवरस्तवन
थालोचनास्तुवन
धर्मपरीक्षा
दंडकनांत्रोल
नुक्त व प्रकरण
विषय-सूची
परमात्मप्रकाश
द्रव्यसंग्रह
सुप्पोक
कर्ता का नाम
स्वात्माराम योगीन्द्र
दशा - सामान्य | वेप्टन नं० २६०६ ।
२६००१ गुटका नं० २६६ पत्र शुद्ध दशा सामान्य रेष्टन नं० २६८ ।
श्रमश्रदेव
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विजयसेन सूरी
शंकराचार्य
पत्र सं० १०३ लेखनका सं० १७३९ पूर्व एवं
कर्ता का नाम
योगीन्द्रदेव श्रा० नेमिचन्द्र
भाषा
संस्कृत
विशेष कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है।
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भाषा
संस्कृत
27
प्राकृत
हिन्दी
23
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33
93
शाक्त
भाषा
| संग्रह
पत्र श
प्राकृत
हिन्दी पर्थ सहित १७६५
०८०-लेखनकाल X अपूर्ण एवं सामग
विशेष
विशेष
१७१२ श्रासोज खुदी : २
रचनाकाल १६६०
१७३६ श्रासोज सुदौं २
२६०२ गुटका नं० २६७ पत्र सं० १०७-१६० साइज ६०५ व लेखनकात X पूर्व एवं शुद्ध
विशेष
२६०३ गुटका नं० २६८ | १ ० ४० | साइज - ६ इन्च | लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य वेष्टन नं० २९६० ।