Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 411
________________ ३६२ विशेष – मार्गगणात्रों के भेद प्रभेद दिये हुये हैं । २५६६ गुटका नं० २६४ पत्र ०६६ साइज ६ लेखनकाल सं० १०५० ज्येष्ठ सुदी ७ गुरुवार । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २६०५ १ विषय-सूची हठप्रदीप गोरखशत परीमान विषय-सूची रत्नदीपिका २६०० गुटका नं० २६५ सामान्य शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं० २६८ कर्ता का नाम वसुधारा पानामतीय शत्रु जयतीर्थ महात्म्य यादीवरस्तवन थालोचनास्तुवन धर्मपरीक्षा दंडकनांत्रोल नुक्त व प्रकरण विषय-सूची परमात्मप्रकाश द्रव्यसंग्रह सुप्पोक कर्ता का नाम स्वात्माराम योगीन्द्र दशा - सामान्य | वेप्टन नं० २६०६ । २६००१ गुटका नं० २६६ पत्र शुद्ध दशा सामान्य रेष्टन नं० २६८ । श्रमश्रदेव - विजयसेन सूरी शंकराचार्य पत्र सं० १०३ लेखनका सं० १७३९ पूर्व एवं कर्ता का नाम योगीन्द्रदेव श्रा० नेमिचन्द्र भाषा संस्कृत विशेष कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। "3 "" भाषा संस्कृत 27 प्राकृत हिन्दी 23 " 33 93 शाक्त भाषा | संग्रह पत्र श प्राकृत हिन्दी पर्थ सहित १७६५ ०८०-लेखनकाल X अपूर्ण एवं सामग विशेष विशेष १७१२ श्रासोज खुदी : २ रचनाकाल १६६० १७३६ श्रासोज सुदौं २ २६०२ गुटका नं० २६७ पत्र सं० १०७-१६० साइज ६०५ व लेखनकात X पूर्व एवं शुद्ध विशेष २६०३ गुटका नं० २६८ | १ ० ४० | साइज - ६ इन्च | लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य वेष्टन नं० २९६० ।

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