Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 395
________________ PARAN ३७६ [ संग्रह विशेष-दो तीन गुटकों के पत्र को एक जिल्द में बांध दिया गया है । गुटके में कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २५४७ गुटका नं. २४२ । पत्र सं साइज-2x५ इन्च । लेखनकाल-सं० १०५ मंगसिर सुदी । अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जी । वेष्टन नं० २६४२ । विषय-मची कर्ता का नाम भाषा समाधितंत्रभाषा पर्वतधर्मायों मदनजुझ युचराज लेखनकाख १५८. নুনুর মামুন . २५४८ गुटका नं० २४३ । पत्र सं० १०० । साइज-x= इन्च । लेखनकाल-सं० १७७३ ज्येष्ठ चुदी २ । पूर्ण सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २५४७ । • विषय-सूची का का नाम भाषा ਕ भविष्यदत्त कथा ब्रहारायमल्ल हिन्दी प्रीतिकर कथा च । लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं शुद्ध । २५४६ गुटका नं० २४४ । पत्र सं० २५५ । साइज-७३x दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६४३ । विषय-सूची कर्ता का नाम पुण्याश्रवकथाकोश मुमुक्षु रामचन्द्र रविव्रतोपाख्यान चन्द्रकीर्ति भापी विते सेहत २५५० गुटका नं० २४५ । पत्र सं० २४५ | साइज-६x६ इन्च | लेखनकाल से-१७५० । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २६४४ । विशेष-पूजा, स्तोत्र एवं पद संग्रह है। २५५१ गुटका नं० २४६ । पत्र सं० १४८ | साज-४५ इञ्च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दश:जीर्ण शीर्ण । वेष्टन नं ० २५१२ । विशेष-गुटके में बनारसीदास कृत बनारसीविलास है। २५५२ गुटका नं. २४७ । पत्र से. २६४ । साइज--२४६३ । लेखनकाल-सं० १७५ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६५५ । विशेष--गुटके में मुख्यतः हिन्दी में विलोकदर्पण कया है । २५५३ गुटका न० २४८ । पत्र सं० ५६ । साइज-७४७ इन्च | लेखनकाल X| श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जोर्ण । वेपन नं० २४८० ।

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