Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 394
________________ संग्रह ३७५ जिनदास हिन्दी ग्राभ्यासात मेषकुमार गीत द्वादशानुप्रेता जोगीरासो २५४१ गुटका नं० २३३ । पत्र सं. २१३ । साइज--४५३ इञ्च । रचनाकाल x | लेखनकान पाँ एवं शुद्ध । दशा- सामान्य । श्रेष्टन नं. २६३ । विशेष-गुट फे में अनेक पद, 4 भजनों का संग्रह है। गुटका महत्त्वपूर्ण है। २५४२ गुटका ०२३७ ! पत्र सं. २.१२ । साइज-१०x१३ इञ्च | लेखनकाल २० १७१ शाख बुदी १३ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं ० २६३८ । विशेष-प्रतिलिपि बिलासपुर नगर में हुई यो । ६६ पत्र सं.. १७१४ तक लिखे गये हैं। पूजा और स्तोत्रों का - संग्रह है । कोई नवीन रचना नहीं हैं। २५४३ गुटका नं०२३८ । पत्र.२३ | साइज-83x३ इन्न । लेखनकाल x Tण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्य । वेष्टन नं० २६३६ । विशेष-समयसार संस्कृत एवं हिन्दी टीका सहित है। २५४४ गुटका नं.२३६ । पत्र सं० ३४ । साइजx. श्च । लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ! दशा-सामान्य । टन नं. २४५२ । विषय-सूची कर्ता का नाम माषा विशेष महामियकविधि संस्कृत अत्र २५४२ गुटका नं२४०। पत्र सं० २२५ साइज-xt इचलखनकाल-स. १७६० सिज चुदाः। पूर्ण सूत्र सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । बेन्टन नं ० २६.४० । विषय-सूची कत्ता का नाम भाषा विशेष समयसार नाटक बनारसीदास ज्ञानपञ्चासी संवपच्चीसी जोगणीस्तोत्र पावतीस्तोत्र संस्कृत संवत्सरफल हिन्दी २५४६ गुटका नं०२४१ । पत्र सं० २४. । साइन-5x४३ इञ्च । लेखनकाल-सं० १.७१ ० । अपूर्ण एवं . सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण शीर्ण | वेष्टन नं० २६४१ ।

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