Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह]
३५६
षड्भक्ति
स्वयंभुस्तोत्र सिद्धिप्रियस्तोत्र নানান शातिनाथस्तवन तत्वसार संबोधपंचासिका
समन्तभद्राचार्य
देवनन्दि पद्मप्रमदेव
गुणमद्र मुनि देवसेन
प्राकृत
अाराधनासार परमात्मराजस्तोत्र
प्रारत
देवसेन
पद्मनं दि मुनि विनयचंद
चूनही
संस्कृत प्राकृत
कल्याणक कथा
२४८६ गुटका नं. १८४ । पत्र सं० १४३ । साइज-१०४६ च । लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २५१५ ।
विशेष-लिपि विकृत है । कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है।
२४६० गुटका नं० १८५ | पत्र सं० १४८ । साइज-७४५ इञ्च । लेखनकाल में०-१७७६ चैत्र सुदी ७ सोमवार । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्य । वेष्टन नं० २५८६ । विषय-सूची का का नाम
भाषा मिर्वाणकांड
प्राक्त तुति
रूपचंद
हिन्दी
दीपचंद स्तोत्रय
संसत नेमिनामगौत
पट्टावलि
पदसंग्रह तधुजिननामावलि पदसंग्रह
संस्कृत
२४६१ गुटका नं० १८६ । पत्र सं० १५० । साइज-४५ इन्च | लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । बेष्टन नं. २५६७
.. कर्ता का नाम
भाषा
विषय-सूची दशनस्तुति परीषडवणन