Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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३५४
विषय-सूची
निर्वाकांड भाषा
खुतिसंग्रह
२४६३ गुटका नं० १५५
सामान्य शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं० २५७७ |
युद्ध दशा-जीवेटन नं० २५७८ ।
विषय-सूची
मोकारमहात्म्य
शीतराम
नारदभावना
कर्ता का नाम भगवतीदात
विषय-सूची
योगसार
शील बत्तीसी
ानान
२४६४ गुटका नं० १५६०१२४ साद
विशेष - गुटके में बनारसीदासजी कृत समयसार नाटक है ।
गुटके को संवत् १७४१ माघ शुक्ला ११ के दिन साह सूरदास ने रामचन्द के पास लाया था।
२४६६ गुटका नं० १६१ मंगसिर बुदी ६ । अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध विशेष टोक नगर में महात्मा
विशेष -- कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। अधिकांश पत्र बिना लिखे हुये हैं ।
२४६५ गुटका नं० १६० प ० १३० साइज ६x४ इन्च खेलनकाल x 1 एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य वेष्टन नं० २५७८
कर्ता का नान
पत्र ० १३० साइलेशन २०१०४१ १४
विशेष-- गुटके में अन्य पाठ बंगला भाषा में लिखे हुये हैं ।
पत्र १२५ दशा- सामान्य बेटन नं. २५०० । नारायण ने प्रतिशिषि को भी
का नाम
-
सुदी १० । पूर्ण एवं अशुद्ध दशा-जर्थ वेष्टन नं० २४६७ ॥
মাজা
हिन्दी
"
27
"
मात्रा
हिन्दी
माला
हिन्दी
23
४५ भाषा यात लेखनका ०.१६७२
खनाल । पूर्ण एवं सामान्य
विशेष
१०७ पद्य
३२
५३
33
२४६७ गुटका नं० १६२ प ० १२० साइ६६६ खनाल १७०१ माह सुदी १० पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २५८१
विशेष-गुटके में महाकवि अनारसीदासजी त समयसार नाटक है। २४६८ गुटका नं० १६३ । पत्र सं० ४७
विशेष
39
विशेष
अपूर्ण
१४ देखन० १७०४ कार्तिक
द
सि