Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 366
________________ ३१५ २४१२ गुटका नं०१०८ ! पत्र सं. 20 | साहज-६x६ इन्च । लेखनकाल-स. १८३५ । पूर्ण एच माय शुद्ध । दशा-सामान्य ! वेष्टन नं० २१:२.. ! विशेष-कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है । २४१३ गुटका नं. १०६ । पत्र सं. २६ | साइज-ix इञ्च । लेखनकाल x 1 अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । शा-जीर्ण । वेष्टन नं० २४०६ । विशेष उल्लेखनीय सामग्री नहीं है । २४१४ गुटका नं० ११० । पत्र सं... ! साइज-११४५ च । लेखनकाल ४। अपर्ष एवं सामान्य शुद्ध | दशा-जीर्ण शीर्ण । वेष्टन नं० २५२८ । विशेष उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २४१५. गुटका नं० १११ । पत्र सं० २७ | साइज-५४४ इञ्च । लेखनकाल-सं० १७२१ माघ बुदी १०१ पूर्ण एन सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण शीर्ण । वेष्टन नं० २५२६ । विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष स्वमणिकृष्णरास साधुबंदणा पासनंद धावप्रतिक्रमम प्राकृत लेखनकाल सं. १७२१ २४१६ गुटका नं०११२। पत्र सं. १७t साइज-.x६ इन्च । लेखनकाल–१० १७२४ फागण सुदी १० । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेटन ने० २५३२ । विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष मस्तामरस्तोत्रभाषा हेमराज हिन्दी प्रीतिकाचरित्र जोधराज मनविकार विलास कथा २४१७ गुटका नं. ११३ । पत्र सं० ७७ । साइज-६४७ ५श्च | लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ष । वेष्टन नं० २६१.। विशेष-गुटके में कोई उल्लेख मीय सामग्री नहीं है । केवल पूजात्रों का संग्रह है । तथा अन्त में शीघबीब है। २४१८ गुटका नं० ११४ ! पत्र सं० ६४ | साइज-८४५६ इन्च । लेखनकाल-सं० १८८ बैशाख सुदी = | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-उत्तम । वेष्टन नं ० २५३३ । विशेष-गुटके में महाकवि बनारसीदास कृत समयसार नाटक है । २४१६ गुटका नं० ११५ । पत्र सं० ७. | साइज-exkr | लेखनकाल ४ | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २५१६ ।

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