Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 361
________________ ३४० [ संग्रह विशेष विशेष-तुटके में बनारसीदास कृत समयसार नाटक है। २३८४ गुदका नं.८0 ! पत्र सं० ६८ । साइज-६x६ इव । लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध। दशा-जीर्ण । वेटन नं० २४६६ । विषय-सूची कर्ता का नाम माषा सुदर्शन श्रेष्ठी लष्पय जयसागर रचनाकाल सं. १७३३ पंचवर्णतेईसा पूनमचंद जखड़ी विहारीदास " १७५६ पाराधना प्रतिबोधसार सकल कीर्ति सुमति कुमति का झगडा पूजासंग्रह पंचमंगल रूपचंद २३८५ गुटका नं०११ पत्र सं०७० | साइज-x६ इन 1 लेखनकाल-सं० १७६३ अचाट पुदी १२ । । अर्म एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २५०० | विशेष-उल्लेखनीय सामग्री नहीं है । २३८६ गुटका नं०२। पत्र सं० १.७ । साइज-६x६ इन्च ! लेखनकाल X । अपूर्ण एवं शुद्ध । दशाजीर्ण । वेष्टन नं ० २५०१ ।। विशेष-पूजा एवं स्तोत्र संग्रह है। २३८७ गुटका नं. ८३ । पत्र सं... | साइन--2x५३ इञ्च । लेखनकाल | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । । दशा-जीर्छ । वेटन नं० २४३५ । विशेष-गुटके में कोई उल्लेखनीय सामना नहीं है । हरिवंश पुराण सम्बन्धी कथायें है। २३:८ गुटका नं०८४ । पत्र सं० ७६ ! साइज-७६४५३ इन्च । लेखनकाल X । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २५०५ | विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष सानपच्चीसी बनारसीदास दोहा संग्रह नवरत्न कवित्त उपदेश पच्चीसी नाईसपरीषह २३८६ गुटका नं.८५.। पत्र सं० ३८ ! साइज-x६ इञ्च । लेखनकास-सं. १६३४ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २४४७ ।

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