Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 362
________________ । संग्रह] संस्कृत विषय-सूची कर्ता का नाम भाषा विशेष जिनसहस्रनाम श्रीशाधर सारा ही बलि हिन्दी नाममाला धनंजय संस्कृत २३६० गुटका ने०८६ । पत्र सं० ७६ । साज-६x६ इन्च । लेखनकाल ४ | पूर्ण एवं अशुद्ध 1 दशाजीर्ण । लिपि-विकृत । वेष्टन नं. २५०६ । विशेष-कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २३६१ गुटका नं०८७ । पत्र सं० ४० । साइज-१४५३६न | लेखनकाल x | अपूर्ण एवं अशुद्ध । 1. दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २४५५ । विशेष-मुनि भानुकीर्चि कृत श्रादित्यवार कया है । २३६२ गुटका नं.८८ | पत्र सं० ७२ । साइज-Ex५ हच । लेखनकाल x पूर्ण एवं प्रशुद्ध । दशासामान्य | वेष्टन न.२५-७। कता का नाम भाषा विशेष हिन्दी विषय-सूची * शनिश्चरजी की कथा संबोध पंचासिका भाषा पंचमंगल श्रादित्यवार कथा रूपचंद २३६३ गुटका नं0 26 | पत्र सं. ७४ । साइज-४४४ ६ च । भाषा-हिन्दी । लेखनकाल-सं० १७३५ । पूर्ण एवं प्रशुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २१०८ । लिपि विकृत है। विशेष--गुटके में श्रीपालरास है लेकिन अतर घसीट होने से श्रपाठ्य है। ... २३६४ गुटका नं०६०। पत्र सं० ४५ । साइज-१४४ इक । लेखनकाल-सं० १७४५ | पूर्ण एवं अशुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २४७२ । लिपि विकृत है। विशेष – कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २३६५ गुटका नं०६१ । पत्र सं० ७४ । साइज-४३४४३ इञ्च । लेखन काल x { पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं० २५०६ । विशेष-कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है। २३६६ गुटका नं०६२। पत्र सं ८० | साइज-१४४३ इन्च | लेखनकाल । अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन मं० २५१३ | विशेष-कोई उल्लेखनीय विषय नहीं है।

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