Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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२३६७ गुटका नं०१३। पत्र सं० ८० | साइज-१०४६३ इञ्च ! लेखन काल XI पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । टन मं० २५१३ ।
[संग्रह
फनी का नाम
प्रमाचन्द
भाषा संस्कृत
विषय-सूची क्रियाकलाप टीका गुरावली श्रावकअतिक्रमण संबोध पंचासिका पाराधनासार गर्मषडारचक्र पाणपिंडपायही नेभिराजमति बेलि एकीभावस्तोत्र हंसा भावना
प्राकृत
देवसेन
देवनंदि
संतत
प्राकृत
उक्कुरसी कादिराज
संस्कृत
ब्रह्म प्रजित
हेमराज
२३६८ गुटका नं०६४। पत्र सं. ७६ । साइज-७३४५३ च । लेखनकाल XI पूर्ण एवं सामान्य गुड । दशा-सामान्य । वेष्टन ने० २५१४ ।
विशेष---गुटके में पूजात्रों का संग्रह है।
२३६६ गुटका न०६५ । पत्र सं० ७८ | साइज-:३४६ इछ । लेखनकाल-सं० १८०४-१८१२ तक | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं ० २५१५ । विषय-सूची कर्ता का नाम
माषा भक्तामरस्तोत्र सटीक
विशेष
संस्कृत लेखनकाल ७ मागशीर्ष " माया धर्मरासो
मुदी ।
" . .. एकीभावस्तोत्र
होरानंद प्रादिनाथस्तोत्र
१८१० पंचपरमेष्ठी स्तवन पदसंग्रह माता-कामी का विवाद एकौमावस्तोत्र टीका
संस्कृत योगसारदोहा सामायिकपाठ
संस्कृत
योगद
,
पंचर