Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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१६६४ प्रति नं ५ | पत्र सं० २७ | साइज - १२३x४. इस । लेखनकाल -२० १६६७ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा उत्तम वेष्टन नं० ६३४ ।
विशेषप्रति संस्कृत टीका सहित है। टीकाकार श्री हर्षन है।
१६६५ दशायक''''''''० २६ साइज - ११४४३
रचनाकाल × । लेखनकाल X | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य | वेष्टन नं ० ५१२ ।
१६६६ दिवाकरपद्धति--दिवाकर पत्र संसार १४ भाषा-संस्कृत विषय रचनाकाल-सं० १३४७ ( शक ) । लेखनकाल- सं० १८३० | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० ७४० ।
० ६
भाषा-संस्कृत विषयति
१६६७ दिशाफल - रचनाकाल x लेखनकाल पूर्व एवं शुद्ध दशा- सामान्य विशेषयन्ति पत्र पर पिता का चक्र भी है।
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साइज - १ ईई इ
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वेष्टन नं० ७४१ ।
१६६८ नवग्रह विचार
पत्र ०२
साइज २४ इन्च मात्रा-हिन्दी विषय
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दशा सामान्य
वेष्टन नं००५७।
रचना । लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध १६६६ नृपतिजयच नरपति | पत्र सं० ४६
इञ्च । ।
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१०३४ नाफा X लेखनकाल सं० २०२०। पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य १६७० नारचन्द्र ज्योतिषशास्त्र-नारचन्द्र पत्र सं० १६ साइज १०४३ भाषा-संस्कृ विषय-ज्योतिष रचनाका लेखनकाल x व-प्रथम पत्र नहीं है। शुद्ध दशा सामान्य १६७१ निमित्त शास्त्र ज्योतिष रचनाकाल देखन- १० १६७२ पद्मकोशांग ७ साइज ०३४ इन्च भाषा-संस्कृत विषय ज्योतिष | रचनाकाल x | लेखनका पूर्ण एवं युद्ध दशा-सामान्यष्टननं० ९४० ।
० १० साइज १०३
भाषा - हिन्दी (पुरानी) विषयपूर्ण एवं सामान्य युद्ध | दशा-सामान्य वेष्टन नं. १००।
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पत्र
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१६७३ पाशा केवली' रचनाकाल × । लेखनकाल- सं० १६४० १६७२ पाशाकवली -
रचनाकाल × लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध
भाषा-संस्कृत विषय
१ पत्र स० १० | साइज - ८x४३ पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य
पत्र० ११
मात्रा-संस्कृत विषय-ज्योतिष ।
वेष्टन नं० १२६ ।
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१२०३ । इन | भाग - हिन्दी । त्रिषय ज्योतिष |
माषा-संस्कृत विषय
दशा सामान्य वेन नं ११०४ ।
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१६७५ प्रश्नदीपिका पत्र सं० ४ । साइज - १०३४ई इञ्च | विषय - ज्योतिष | रचनाकाल x नाल पूर्व एवं शुद्ध दशा सामान्यनं० ११२६ ॥
१६७३ प्रति नं २ ० ४ ११६ लेखनकाल X पूर्व एवं सामान्य शुद्ध दशा-सामान्यननं० ११६७
१६७७ भद्रबाहु संहितामा पत्र ०८ मा ६४ भाषा-संस्कृत विषय वन
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