Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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साइज - १०३४४३
१८६८ राजनीतिशास्त्र - चाणक्य । पत्र सं० १० | X 1 लेखनकाल - सं० १७६१ फागु सुदी ११ । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १५३४१
विशेष सांगानेर में पंडित लक्ष्मीदास ने प्रतिलिपि की थी ।
१६०१ प्रति नं० ४
१८६६ प्रति नं० २ । पत्र सं० ६ | साइज - ६५३ इन्च | लेखनकाल x | अपूर्ण - तीन अध्याय तक शुद्ध दशा- सामान्य | केप्टन नं० १५३५ |
१६०० प्रति नं० ३ । पत्र स० २० | साइज ६५ इव । लेखनकाल x | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० १५३५ ।
सामान्य | वेष्टन नं० १५३५ ।
विषय - स्तोत्र
ग्रन्थ संख्या---२६३
२६३
| भाषा-संस्कृत | रचना
पत्र सं० १७ | साइज - ११४४ इञ्च | लेखनकाल । पू एवं शुद्ध दशा
| पत्र सं० | साइज - १०४४३
१६०२ अकलंकाष्टक (धनाकाल | लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा- सामान्य | वेष्टन नं० २ | १६०३ प्रति नं २ । पत्र सं० ५ | साइज - ३४४ इन्च | लेखनकाल सामान्य | वेष्टन नं० २
| भाषा-संस्कृत | विषय - स्तोत्र |
| पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा
१६०४ अलंकाष्टक भाषा-सदा कासलीवाल | पत्र सं० १६ साइज - ११४३३ इव । भाषा'हिन्दी | विषय - स्तोत्र | रचनाकाल - सं० १२.१५ । लेखनकाल- सं० १९४६ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा- सामान्य | वेष्टन नं ० ३ ।
१६०५ अध्यात्मस्तोत्र - श्रीकेशव । पत्र सं० ३ | साइज - ११३४३६ । मात्रा-रस्कृित | विषय - स्तोत्र । रचनाकाल X। लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० १० ।
विशेष-यंत्र विधि सहित है। इसका नाम नामिकमल अध्यात्म प्रकाश भी है।
१६०६ अष्टमहाभय स्तोत्र" | पत्र सं० २ | साइज - ६x४ इन्च भाषा प्राकृत विषय स्तोत्र । रचनाकाल × | लेखनकाल | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं ० ५७ ।
२६०७ अर्हन्नाम सहस्र - हेमाचार्य । पत्र सं० ७ साइज - १२x४३ इच | भाषा-संस्कृत | विषय -स्तोत्र | रचनाकाल × । लेखनकाल- सं० १५२६ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- जीर्ण | वेष्टन नं ० ५८ ।
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