Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह ]
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२३५० गुटका नं० ४६ | पत्र ०३८ । साइज - १६x४ इन्च । लेखनकाल - सं० १६०३ कार्तिक सुदी ४ पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेस्टन नं. २४५३ ।
विषय सूची लक्ष्मीस्तीन
मक्कामरस्तोत्र
दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २४७० | लिपि विकृत हैं ।
विशेष --- हिन्दी में सुकुमाल मुनि की कथा है।
विषय-सूची
कोकमंजरी
वैद्यमनोत्सव
२३५२ गुटका नं० ४८
दशा - जीर्ण | वेष्टन नं ० २४७४ |
मातु गाचाये
२३५१ गुटका नं० ४७ । पत्र सं० ४२ । साइज - ६४५ इव । लेखनकाल X। श्रपूर्ण एवं श्रशुद्ध ।
राजुल पच्चीसी
नवकार मंत्र केवली
कर्त्ता का नाम
पद्मप्रमदेव
दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २४७४ ।
कर्त्ता का नाम
कवि आनंद
केशवदास नयनसुख
लालचंद विनोदीलाल
विषय-सूची
कोसार
सामुद्रिकशास्त्र
पत्र सं० ५० | साह - ८६३ इन्त्र | लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ।
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विशेष -- तीर्थकरों के पूर्व भवों के नाम दिये हुये हैं ?
भाषा
संस्कृत
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कर्ता का नाम श्रानन्दकवि
भाषा
हिन्दी
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२३५३ गुटका नं० ४६ । पत्र सं० ७ साइज - ८६ इन्च । लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध
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२३५४ गुटका नं० ५० १ पत्र सं० २२ | साइज - X६ हम । लेखनकाल x | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २४५६ |
विशेष – समयसार नाटक का कुछ भाग है ।
विशेष
२३५५ गुटका नं० ५१ । पत्र सं० ४२ | साइज - ६६ इव । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - जीवं । वेष्टन नं० २४७५ ।
मांषा
विशेष
२७५ पच
हिन्दी
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विशेष
२३५६ गुटका नं० ५२ । पत्र सं० २-४६ | साइक - ५४५ इन्च । लेखनकाल X | अपूर्ण एवं शुद्ध । दशा- जीर्ण | वेष्टन नं० २४७६ ।
विशेष - उल्लेखनीय सामग्री नहीं है ।