Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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३२०
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पत्र सं० १३ | साइज - १२३६३३६० | भाषा- स्कूल | विषय पात्रांन
२२२२ शिलालेखसंग्रह
लेख संग्रह | रचनाकाल x ३ लेखनकाल X | पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं १७०६ । विशेष—निम्न शिलालेखों का संग्रह है ।
चालुक्यावंशीभूत श्री पुलकेशिन का शिलालेख | ग्वालियर नगरोपकण्ठ स्थितगिरदुर्गे पद्मनाथ देवालये मुत्कीर्ण भद्रबाहु प्रशस्ति । मलिषेण प्रशस्ति ।
विषय - संगीत एवं नृत्य कला
प्रन्थ सख्या - ५
२२२३ नर्त्तनविचार - पुंडरीक विट्ठल । पत्र सं० ३३ । साइज - x५ इक्ष भाषा-संस्कृत विषय - नृत्य कला । रचनाकाल × । लेखनकाल X | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं०८५१ |
२२२४ राधागोविन्द संगोत सार- महाराजा सवाई प्रतापसिंहजी | पत्र सं० ६७ | साइज - १५३१०३ इस भाषा - हिन्दी | विषय-संगीत | रचनाकाल x i लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य न नं० १४३६ । विशेष—इसके आगे रागाध्याय है। उसके पूरे पृष्ठ २९२ तक है ।
२२२५ संगातरत्नाकर - लक्ष्मणाचार्य पुत्र श्री केल्लिनाथ | पत्र सं० १६६ | साइज - ११६ च । भाषासंस्कृत ! त्रित्रय-संगीत शास्त्र । रचनाकाल । लेखनकाल x । पूर्गों एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १८२२ २२२६ संगीतशास्त्रसार - श्री दामोदर | पत्र सं० ५३ | साइज - ११४५ च । भाषा - संस्कृत विषयसंगीत | रचनाकाल × । लेखनकाल x । श्रपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२२७ संगीतरत्नाकर - श्री शाह देव | पत्र सं० २२० | साइज - ११x६ इच | माया - संस्कृत | विषय - संगीत शास्त्र । रचनाकाल X। लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा- सामान्य । वेष्टन नं० १८२४ |
१८२३ |
२०२८ संगीतसार - महाराजा प्रतापसिंह | पत्र सं० २२२ | साइज - १२x१५ इञ्च भाषा - हिन्दी । लेखनकाल X ! अपूर्ण-पत्र के आगे रागाध्याय है। वेष्टन नं० १८२५ ।
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