Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 344
________________ ! कुद साहित्य ] ३२३ २४७ आगम वाक्य संग्रह " | पत्र सं० २२१ | साइज - १२५३ इव । नाम-संस्कृत | विषय- धर्मं । रचनाकाल x | लेखनकाल - सं० १५७७ भादवा सुदी ७ पूर्ण एवं शुद्ध दशा-जी बेचन नंः ६३ । विशेष – संग्रह ग्रन्थ है । लेखक प्रशस्ति संक्षिप्त में निम्न प्रकार हैं। संवत् १५७७ वर्षे नाव चंद्रदिने बुरूजांगलदेशे श्री स्वर्ण ममहात्याने श्री सिकन्दरसाहिपुत्र सुल्लितान विरहिमुराज्यमत्रवर्त्तमाने " पांडे ईरा मीतकान्वये गर्ग गोत्रे फतहपुरू पुंडरीया कपिरथलि ( र्यालि ) वास्तव्यं तेषामध्ये सर्वज्ञध्वनिनिकादिदाषल्य पर्यायश्रद्धापरः शास्त्रदाननिरतः परोपकारी ब्रहाचारी चाह स्रत पांडे ईच्छा तेन इद कर्मकांड त्रिभंगी वापर प्र शास्त्रं लिस्वापितं । : चौ संवत् १५८४ तुहाग ब्रह्मचारि सी जोगदत्तं पांडे ईच्छे संवत् १६०५ वर्षे शास्त्र बुद्धी २ भोजराज का नोव० सी है प्रदत्त पठनार्थं । मदनसिंह २२५= गमवाक्य संग्रह | पत्र सं० १२ साइज १२५ इञ्च (भाषा - हिन्दी-विजय धर्म । रचनाकाल x | लेखनकाल | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य । वेष्टननं २ | | भाषा - हिन्दी विव्य-भजन रचना २२४६ जखढी - मुधरदास | पत्र सं ६ | साइज - ५ दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ५६२ | काल × । लेखनकाल × | पूर्ण एवं शुद्ध २२५० ढाढसी ...... पत्र ०४ साइज - १०x४६ दृष । भाषा प्राकृत । विषय-स्ट | खनाल x | लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध 1 दशा-जीर्थं । बेष्टन नं० ४७१ । t २०५१ ढोलामारूपी पत्र सं० ३७ । साइज - १०x४ इञ | भाषा - हिन्दी | विश्य-कथा | रचनाकाल-सं० १६७७ । लेखनकाल - रु० १७६२ । पूर्णं एवं शुद्ध । २-३७ तक पत्र हैं। दशा-जोर्स वेटन नं०४०२ | २२५२ थान विलास - कविवर यानजी अजमेरा । पत्र ० २२ | साइज - १२४७३ इञ्च । मात्रा - हिन्दी । विषय-कविता संग्रह | रचनाकाल x | लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - उत्तम | वेष्टन नं० ७०० । २२५३ त्रिंशतचतुर्विंशतिनाम | पत्र सं०८ साइज - १२X४ ( अ ) भाग- हिन्दी | विषयस्फुट | रचनाकाल × | लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-जोखे । वेष्टन नं० ६८२ | २२५५ धानतबिलास यानतराय पत्र सं० ४०३ | साइज - ३६ । भाषा - हिन्दी ! विषय-संग्रह | रचनाकाल x | लेखनकाल - २० १६०३ । ७६ अधिकार तक पूर्णे । शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२५६ प्रति नं २ | पत्र सं० १५३ | साइज - ११x६ इन्च | लेखनकाल - सं० १८७७१ पूर्ण एवं शुद्ध । देशा- सामान्य । वेष्टन नं ७६६ । 7 विशेष - महात्मा राधाकृष्ण ने जयपुर में प्रतिलिपि की भी । २२५४ द्रव्यपूजास्थापक सिद्धान्त | पत्र ०३ | साइज - ८३० | नाम-संस्कृत विषयखंडनमंडन | रचनाकाल x | लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य । वेष्टन नं० ७१३ । विशेष -- श्वेताम्बर सम्प्रदाय में पूजा की स्थापना है । यही २२ सूत्रों में सिद्ध किया गया है।

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