Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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विशेष – प्रति ११ ५ तक
१६६१ वराहसंहिता
रचनाकाल | लेखन
क
पत्र संसाद - १०३८४
दशा सम्मान् प्रेष्टन नं० १६०२ ॥
। पूर्ण एवं शुद्ध
विशेष - केवल स्त्रीमात्र फल हैं।
१६६२ शकुनशास्त्र
पत्र
०५३ | साइज - १०÷४५ इ | सावा संस्कृत विषयोतिष | रचनाकाल × ! लेखनकल पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० १६०१ |
१६६३ पसिकात्तिमहात्पलपत्र १०-२१०
मात्राकृत विषय
ज्योतिष | रचनाकाल × | लेखनकाल - मं० १२= वैशाख सुदी १० । पू एवं शुद्ध दशा - सामान्य नं० १५९० ।
विशेष – महान ने पटनायें लिलो मी |
१६६४ प्रति २ । पत्र सं० | साइज - ११४ इ | लेखनकाल - सं० २०८२ । एवं शुद्ध । दशा सामान्य वेष्टननं० २०२०
विशेष- हिन्दी अकीदा गया है।
१६६६ सर्वतोभद्रक
1
रचनाकाल × १ लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध
[ ज्योतिष
इक्ष ! मावा-संस्कृत | विषय - ज्योतिष | |
१६६५ प्रतिनं ३ पत्रलेखनासं० २०२५५ पूर्व एवं शुद्ध दशाननं १८६ |
"
पत्र ०५
साइज ११४५ इन्च भाषा संस्कृत विषय ज्योतिष दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १९५३ ।
१६६७ लामुद्रिक"
०१४ | सहज-६६
भाषा
विषय
चनाकाल x | लेखनकाल २०१०३३१३ पूर्ण एवं शुद्ध दशा-जी पत्र एक दूसरे से ये हुये है। वेष्टन नं० २०२२
I
१६६५ स्वर्णविचार पत्र मं० ५। सा- ११४५ इव रचनाकाल x डेवनकाल x पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा-सामान्य बेहन नं ११३१ ॥ १६६६ स्वप्नाध्याय | पत्र सं० रचनाव्यलेखनहाल पूर्ण पूर्व सामान्य शुद्ध
I
१७०० होराष्ट्रपंचासिका टीका
पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२६० ।
पत्र २०
२ | साइज - १०३ ४ ४ ३ इश्च । भाषा-संस्कृत । विषय-ज्योतिष | दशा-सामान्य वेष्टन नं० २१६२ |
व लेखन काल सं०] १००० ।
भाषा-विषय-ज्योतिष |
१७०१ प्रति नं० २ । पत्र सं० ५ | साइज - १०x४३ इन्च | लेखनकाल - सं० १८६८ वैशाख सुदी १० । पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य | वेस्टन नं० २२६० ।
१७०२ प्रति नं० ३ । पत्र ०८ | साइज - १०३x४३ इन | लेखनकाल - तं० १८२८ | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य एन ० २२६० ।