Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[गुट
पार्श्वनामस्तोत्र
संस्कृत नवग्रहस्तोत्र एमावतीस्तोत्र ( मंत्र सहित ) केवलिप्रश्न विचार
८१२ गुटका नं. ४) पत्र सं०३१ । साइज-8x८ इन्च । लेखनकाल–सं. १६५१ पोष सुदी १४ । एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६४ }
विशेष-श्री नानूलाल वैद ने मोतीलाल मनोहरपुरा खेडी वाले के पुत्र गुलाबचन्द के पटनार्थ प्रतिलिपि की यो। मूल्य १||- | तत्वार्थ पूर, मक्तामरस्तोत्र तथा पंचमंगल आदि पाठों का संग्रह है।
८१३ गुटका नं०५। पत्र सं० ३६१ । साइज Ex७ इञ्च । लेखनकाल–सं० १७५८ ! पूर्ण एवं सामान शुद्ध | दशा-सामान्य । वेष्टन नं.२९५ | विषय-सूची
कची का नाम
माषा श्रीपालरातो ब्रह्मरायमल्ल
रचना सं. सुदर्शनरासो जम्बूलामीरासो
पांडे जिनदास प्रद्युम्नरासी
महरायमल्ल पार्श्वनाथरासो
कल्याणकाति भविष्यदत्त चौपई
ब्रह्मरायमल्ल हनुमत कथा सम्यक्त्वकौमुदी
जोधराज गोदीका यशोमदरासो नेमीश्वररासो
अझरायमल्ल
4-८८
८१४ गुटका नं.६। पत्र सं० २०६ | साइज--X६ इन्च । लेखनकाल-सं० १८०४ । पूर्ण एवं सामान शुद्ध | दशा-सामान्य । वेष्टन नं० २६ । विषय-सूची की का नाम
भाषा सुभाषितावली मक सकल कीति
संस्कृत द्रव्यसंग्रह
प्रा. नेमिचन्द्र
प्राकृत सरस्वतीपूजा
सानभूषण
संस्कृत-- .. गुरूपूजा मार्गणाविधान विषापहारस्तोत्र भाषा
अचलकीति