Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटके
पानंदी स्तोत्र अमजद केवली
हा शतक
पं. रूपचंद
कलयविधान
३५ गुटका नं० २७ । पत्र सं० १८ | साइज-६x४ इश्च । लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशासामान्य । वरन नं. ३१४ । विषय-सूची कर्ता का नाम
विशेष विलोक्सार की कुछ गाघायें श्रा० नेमिचन्द्र
माकृत ऋद्धि विचार कपन नीतिशतक
मन हरि
भाषा
what
८३६ गुटका ने २८ । पत्र सं. ६६ । साइज-2x४, इश्च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ! बा-सामान्य । वेष्टन नं.३१४! ..
विशेष पूजा पाठ के अतिरिक्त कुछ आयुर्वेद के नुसखे भी दिये हुये हैं ।
८३७ गुटका नं0 २६ | पत्र सं. १८६ | साइज-2x६ इश्व | लेखनकाल X| पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । रा-सामान्य । वेष्टन नं० ३१५ |
विशेष-पूजा एवं स्तोत्रों का संग्रह है।
८३८ गुटका नं० ३० । पत्र सं. १६ । साइज-६x६ इञ्च । लेखनकाल XI पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । -सामान्य । वेष्टन नं० ३१६ ।
विशेष—पूजाओं का संग्रह है।
२३६ गुटका नं० ३१ । पत्र सं०६१ साइज-६x६ इश्व । लेखनकाल–सं. १८५४ । पूर्ण एवं सामान्य पुर। दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ३१५ ।
विशेष पूजा एवं स्तोत्रों का संग्रह है।
४० गुटका नं०३२। पत्र सं० २२.७ | साइज-७४५-इश्च । लेखनकाल-सं० १५६६ पौष सुदी १। पा । दशा-जीर्ण । वेष्टन नं. ३१७ | लेखक-महिमातिलक गणि । -.. फा का नाम
विशेष वर्गवि चौपई
_... हिन्दी स्वशरण स्तवन
सोमसुन्दर -किर गामा
माकत धारमंत्र माहात्म्य सहित
,, संस्कृत
माषा