Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[गुटो
खंडेलवालजाति उत्पति वर्णन मट्टारत पट्टावलि
बिरोष
६६३ गुटका नं. १८६ । पत्र सं० २० 1 साज-१.xs | लेखनकाल ४ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा सामान्य । वेष्टन नं० १४५ ।
विशेष-गुटके में मंत्रादि का संग्रह है।
६६४ गुटका नं० १८७ । पत्र सं. ७५ | साइज-४६ इन 1 लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध। दशा-जोर्स ! वेष्टन नं० ३४७ |
विशेष-२० प्रकार के साधरण मंत्र हैं कुछ नुसखे भी हैं।
६६.५ गुटका नं०१८ पत्र सं० ६० | साइज १४ च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं अशुद्ध । दशासामान्य । वेष्टन नं. १४३ । विषय-सूची
कर्ता का नाम
मापा पद संग्रह
जगतराम औषधादि संग्रह
" अलग २ नुसखे दिये हुये है। ६६६ गुटका नं० १८६ | पत्र सं० १७४ । साइज-६x४, इन | लेखनकाल | पूर्ण एवं प्रशुद्ध। दशा-सामान्य । लिपि-विकृत । वैप्टन नं. १७४ ।
विशेष-मंत्रादि का संग्रह है।
६६७ गुटका नं० १६० । पत्र सं० १६. 1 साइज-:४४ च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध। दशा-सामान्य । वेष्टन ने १४ । विषय-सूची
कर्ता का नाम
माषा श्रावकों के ८४ गोय
हिन्दी पद संग्रह मक्तामर भाषण
हेमराज चौबीस ठाणा की गाया
प्राकृत नरकों का यंत्र
विशेष
हिन्दी "मित्र तो धर्म सनेही की ज्य।
खएडेलवालों के चौरासी गोत्रों के नाम खण्डेलवालों की उत्पत्ति वर्णन पद संग्रह चौबीसदसडक चौपई बका और श्रोता के गुण
दौलतरामजी