Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ चरि
विशेष मोजमाचन्द में महाराजा मान सिंह के शासनकाल में थी पिसना पाटनी ने अन्य की प्रतिलिपि की पर ०३८१२३४१७२३२॥ पूर्ण एवं सामान्यशुद्ध । दशा- सामान्य | वेस्टन नं० १४४१ ।
११५४ प्रति नं०
१२५५ प्रति नं०३
२००४
- ११३५ खनाल पूर्व सामान्य शुद
दशा- सामान्य | वेष्टन नं० १४४२ ।
22
११५६ यशोधर चरित्र रचनाकाल ०१२३६ लेखनकाल x १६५७ प्रति नं २ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा उत्तम वेष्टन नं
कार्ति पत्र नं ३५१०३५ माघ। पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा-सामान्यननं० १४४३ | मं० ५५ | साइज - १५९७ इञ्च | लेखनकाल - स० १७७८ १४४४
पत्र
चैत्र बुदी १|
विशेष—प्रति सटीक है। टीका हिन्दी गद्य में है। प्रति के अन्त में निम्न शब्द लिखे हुये हैंपुत्र का रुपया ३|| दीया सूरत मध्ये पत्र ५५ दिया | लिखावी का रुपया ४) दिया। लिखायो श्री उदयपुर मध्ये भट्ट सनजी हरजी मल्लेन लिखापितं पुस्तकं इदं । १९४८ यशोधरचरित्र-म० सकलकीर्ति पत्र ०४ साइज ११४५ इन्च मात्रा संस्तव चरित्र | रचनाकाल-सं० १६५० माघ शुक्ला ५ | लेखनकाल - सं० १६६१ मंगसिर सुदी ६ । पूर्ण एवं शुद्ध दशासामान्य | वेष्टन नं ०१४४१ ।
I
विशेष - मौजमाबाद वास्तव्य सं० पेसी ने लिखवाया |
११५६ यशोधरचरित्र
पत्र ०१२३ साइज - १. ३४५ इ । भाषा-संस्कृत । विषय-चरिण । रचनाकाल X। लेखनकाल० १८०२ द्वि० चवाट बुदी पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य वेष्टन नं० १४४६ । विशेष—संक्षित रूप से कम है।
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११६० प्रति नं० २०१६-११ लेखनात पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ! दशा - सामान्य । वेष्टन नं० १४४७ ।
१९६१ यशोधर चरित्र
पत्र [सं०] [२] साद३४३
रचनाकाल | लेखनकाल X पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य वेष्टन नं० १४४८ |
२६
१९६२ यशोधर चरित्र - श्री श्रुतसागर पत्र नं चरित्र | चनाकाल x | लेखनकाल x पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ११६३ यशोधर चरित्र | पत्र सं० २१ । लेखनकाल ०१०१२ कार्त्तिक बुदी २ पूर्व एवं शुद्ध १९६४ यशोधर चरित्र वादिराज सूरि चरित्र । रचनाकाल x 1 लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध
पत्र
I
साइज - ११३५५ इव भाषा-संस्कृत विषयदशा- सामान्य वेष्टन नं० १४४६
[सं० २२
दशा-अर्थ
भाषा-संस्कृत विषय है
साइज - ११४४ इञ्च । माषा-संस्कृत । विषय-दरित्र ! दशा सामान्य जेन नं० १४५० ।
Į
साइज १०३५ इन्च भाषा संस्कृत
वेष्टन नं० १४५९ ।
ܩܦܝܘܣ