Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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कोश ]
विशेष - प्रति संस्कृत टीका सहित J
१६०८ प्रति नं० ५ | पत्र सं० २३ | साइज - १०३५ इन्च | भाषा-संस्कृत । विषय- कोश | रचनाकाल x | बेनाल अपूर्ण पूर्व सामान्य शुद्ध दशा- सामान्य । वेष्टन नं० ६० ।
१६० प्रति नं० ६
- १०५ लेखनका २०६५ चैत्रबुद
० ५१-११६ १३ | श्रपूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ६० |
१६१० प्रति नं०
७
शुद्ध | दशा सामान्य | वेष्टन नं० ६० ॥
१६११ प्रति नं० पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ६० ॥
१६१२ प्रति नं० ६ पत्र से० ११ साइज १०४३ | लेखनकाल पूर्व एवं सामान्य शुद्ध
२६७
०२३ मा लेखनकाल X वपूर्ण एवं
दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ६० ।
१६१३ अमरकोश सटीकता श्री अमरसिंह टीकाकार श्री मानुजीवित पत्र ० ४४२ / साइज - ११x१६ च । भाषा संस्कृत । विषय-कोश | रचनाकाल x | लेखनकाल - सं० १६० माघ शुक्ला १। तीसरे तक पू । सामान्य शुद्ध दशा सामान्य वेष्टन मं० २७ ।
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विशेष—खक लक्ष्मीनाथ कोश की एक पुष्पिका निम्न प्रकार है।
इति श्री वरवाशोदमव भी महीपरवियाधिपतिसिहदेवाज्ञया श्री ५ मट्टोजिदीक्षितात्मजश्री भानुजीदीक्षित विरचितायां मावाख्या द्वितीयक वनौषधि वर्गः विवर समाप्तं ।
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पत्र ०४ - १२५ इन्च भाषा संस्कृत लेखनकाल x |
१६१४ एकाक्षरीनाममाला | पत्र सं० ३ साइज - १०३४ इन्च | भाषा-संस्कृत विषय - कोश | रचनाकाल × । लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - समान्य | वेष्टन नं० २०७ ।
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सामान्य वेष्टन नं ०२ ।
१६१५ एकाक्षर नाममालिका मुनि विश्वशंभु प ० ११ साइज १०x४६ इस भाषा संस्कृत | विषय- कोरा । रचनाकाल X | लेखनकाल - सं० १७२१ माह मुदी ५ पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २०८ | पुस्तक जोधराज मोदीका ने पटने के लिये लिखी थी ।
विशेष
१६१
सामान्य । वेष्टन नं०
१६१६ नाममाला - धनंजय | पत्र सं० १३ साइज - ११४५ च । भाषा-संस्कृत विषय कोश | रचना
द्ध लेखनकाल[सं०] १८२७ पूर्ण एवं शुद्ध
दशा सामान्य वेष्टन नं० ७२४ ।
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२६१७ प्रति नं० २
पत्र [सं०] १६
साइज १०३४काल पूर्ण एवं शुद्ध दशा
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प्रति नं० ३ पत्र ०१ साइज ४ लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा
१६१६ प्रति नं० ४ १ ० १३ साइज १० X ३ इम लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा
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