Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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२५४
[काला
विशेष - बादशाह सलीम के शासनकाल में मेकर ( सीकरी ) में जसवाल जाति में उपन गुणमाला ने प्रतिविमि
करवायी थी ।
१४५८ विदग्धमुखमंडन-वाचा धर्मदास विषय - काव्य | रचनाकाल x | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध
१४५६ प्रति नं० २। पत्र ०२२- १०५
दशा सामान्य | बेहन नं० १३२३ ।
दशा- जी वेस्टन नं० १६२४ ।
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२४६० प्रति नं ३ | पत्र सं० १९ | माइ ३४ । लेखनकाल- मं० १५५१ | पूर्ण एवं शुद्ध ।
१४६१ प्रति नं० ४ । पत्र सं० २०३७ | साइज - ११X५ इन्च । लेखनकाल - सं० १९७४ माघ बुदी ७ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- जी | बेष्टन नं० १२५१
१४६२ बिहारीसतसई - महाविहारी श्रृंगार रस | रचनाकात
पत्र सं० २० साइज १०३४ इन्च भाषा दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १६२२ |
लेखनकाल सं० १३० पूर्ण एवं शुद्ध
०२-११३८
। माषः हिन्दी विषय
लेखन-२०१३४ पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य
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१६४३
नं -६ इच भाषा-संस्कृत विश्वकप रचनादशा सामान्य । केष्टन नं० १६३५ ।
१४६३ विहारकाव्याला पत्र [सं० २ X सेवनकाल सं० २०४४ पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध १४६५ शिशुपालवध महामात्र०२२-१४२६x४ काव्य रचनाकाल x | लेखन १४२५ मात्र सुदी १३ पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य विशेष दो प्रकार की तिमि है। माघ के पिता का नाम 'दत्तक' लिखा हुआ है। १४६६ प्रति नं० २ | पत्र सं० ७२ साइज - ११९४
दशा-उद्यम पेस्टननं० २०१२ |
विशेष प्रति सटीक है। टीकाकार मल्लिनाथ र है।
१४६६ प्रति नं० ५
सामान्य शुद्ध । दशा- जीर्णं । वेष्टन नं० १७१५ |
१४०० प्रति न० ६
|
गामा-संस्कृत विष नं १०११ ।
१४६७ प्रति नं० २०३५ साइज हम्द लेखनकाल x अपूर्व एवं सामान्य शुद्ध ।
सामान्य वेष्ठन नं० १७७३ |
। लेखनकाल पूर्ण है। शुद्ध
दशा - सामान्य | नेष्टन नं० १७१३ |
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विशेष - प्रति सटीक है ।
१४६६ प्रति नं० ४१०२८ नाज- १०९४ । लेखनकाल x एवं शुद्ध दशासामान्य वेष्टन नं० १०१०
०५८ - १०x४ लेखनकाल x अपूर्ण २० स त
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०१६-१ इन्च लेखनकाल अपूर्ण एवं शुद्ध दश