Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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विशेष - भक्तामर स्तोत्रमंत्र
है।
१०२३ गुटका नं० २१६ । पत्र सं० २७ | साइज - x इञ्च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ।
दशा- सामान्य । वेष्टन नं० ३६६ ।
विशेष उल्लेखनीय संग्रह नहीं है ।
१०२४ गुटका नं० २१७
सामान्य | वेष्ठन नं० ३६६ |
विषय-सूची
पंचपरमेष्टी स्तवन
विशेष - श्रभयनन्दि कत स्नपनविधि हुई है।
० ३ । साइज - ३x६ इ । लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दश
१०२५ गुटका नं० २१ पत्र मं० २० साइज - १x६ इस । लेखनकाल x । पूर्ण एवं शुद्ध । दशासामान्य | वेष्टन नं० ३६७॥
विशेष कल्याणमन्दिरस्तोत्र तथा भक्तामर स्तोत्र ऋद्धि मंत्र सहित हैं ।
१०२६ गुटका नं० २१६ । पत्र सं० १० | साइज - ६ : इव । लेखनश्चल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य | वेष्टन नं ० ३६७ ।
विशेष-पद व स्तुति संग्रह हैं।
१०२७ गुटका नं० २२० | पत्र मंत्र १०० | साइज - ८५ इन्च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- जीर्ण । वेष्टन नं० ३६७ ।
विशेष पूजा संग्रह है।
१०२८ गुटका नं० २२१ । पत्र मं० २६६ | साइज - x५ इन्च । लेखनकाले । पूर्ण एवं शुद्ध । दशासामान्य । वेष्टन नं ० ३६८ |
ate विचार
अंगस्पंद विचार
शुभशकुन विचार
यात्रा प्रकरण विचार
स्वर विचार
जिनसहस्रनाम स्तोत्र
चक्रेश्वर स्तोत्र
ज्वालामालिनी स्तोत्र
चिंतामणी पार्श्वनाथ स्तोत्र
ऋषिमंडलस्तोत्र
कर्ता का नाम
श्राशावर
गौतम स्वामी
31
"2
25
भाषा
ाकत
संस्कृत
12
"3
$3
17
37
L
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