Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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1 दुराल
विशेष - जीर्णोद्वार हो रखा है। गुमानीराम के पुत्र भूराराम ने प्रतिलिपि की भी ।
१०५७ प्रति नं० ४ । पत्र सं० रं | सहज - १२ - सामान्य । वेष्टन नं० २२४२ ।
विशेष - गुमानीराम के पुत्र भूराराम ने प्रतिलिपि की भी ।
। लेखनकाल x 1 अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध ।
२१६
१०५८ प्रति नं० ५ । पत्र सं० ४६३५१५ तक 1 साईज - १३x६ इन्च । लेखनकाल - सं० १८०१ |
पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२४२ |
१०५६ हरिवंशपुराण भाषा - खुशालचंद काला । पत्र विषय-पुराण | रचनाकाल - सं० १७८० । लेखन काल - सं० १८२४ । वेष्टन नं. २२४३ |
० २३४ | साइज - १२x६३ ह | भाषा - हिन्दी | पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य | लिपि सुन्दर ।
विशेष - करौली नगर मैं श्री फकीरदास पापडीवाल ने पुराण की प्रतिलिपि करवायी थी ।
१०६० प्रति नं० २ | पत्र सं० २५६ | साइज - १२९६ इन्च । लेखनकाल - सं० १८०६ | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा - सामान्य वेष्टन नं ० २२४४ |
विशेष - सूरतगढ में पुराण की प्रतिलिपि हुई थी ।
१०६१ प्रति नं० ३ । पत्र सं० २११ | साइज - १२x६ इ । लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध । दशासामान्य । वेष्टन नं० २२४५ ।
१०६२ प्रति नं० ४ | पत्र सं० १२१ | साइज - ६÷६ इव । लेखनकाल - सं० १८२६ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २२४६ |
१०६३ प्रति नं० ५ | पत्र सं० २०१ | साइज - ११६४५ इन्च | लेखनकाल - सं० १८२८ | पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २२४७ |
१०६४ हरिवंशपुराण-श्री जैन । पत्र सं० २४२ । साइज १०९५ इन्च भाषा गुजराती - मिश्रित-हिन्दी वध | विषय - पुराण | रचनाकाल x | लेखनकाल - सं० १८५७ फागुण सुदी ११ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन
० २२४०
विशेष- पं० हरि ने प्रतिलिपि की थी ।
१०६५ हरिवंशपुराण भाषा
पुरा । रचनाकाल x | लेखनकाल x १ पूर्ण - २५२-४६६ तक के पत्र नहीं हैं । वेष्टन नं० २२३६ ।
| पत्र सं० ४६६ | साइज - ११४७३ ६ | भाषा - हिन्दी | विषय