Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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चरित्र ]
विशेष – दयाचंद चदिवा जयपुर ने बड़े मन्दिर में प्रतिलिपि की थी। मंथ के मृतक १०९७ प्रति नं० २ । पत्र सं० ६ | साइज - ३७ इव । लेखनकाल - नं० सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं ०७१। विशेष – लेखनस्थान-जयपुर हैं।
शुद्ध
विशेष – सवाई जयपुर में ग्रन्थ की प्रतिलिपि हुई थी ।
२०६८ प्रति नं० ३ | पत्र ०१ | साइज - १०४ इञ् । लेखनकाल - सं० २०४० | पूरा एवं सामान्य
| दशा-सामान्य वेष्टन नं ० ७६२ ।
१०६६ धन्यकुमारचरित्र भाषा
साइज - ११४४
। पत्र सं० ४७ | श्वरित्र । रचनाकाल × | लेखनकाल X | अपूर्ण अन्तिम पत्र नहीं है। शुद्ध ११०० प्रति नं० २ । पत्र सं० ४० | साइज - ११८५ इन्च | लेखनकाल X।
दशा - सामान्य | वेष्टन मं० ७६३ ।
११०३ प्रति नं ३ | पत्र सं० ३५ | साइज - ७
दशा सामान्य ।
दशा- सामान्य । वेष्टन नं० ८७१ |
११०१ नागकुमारचरित्र"
| पत्र [सं० ३३ । साइज - १०३४४३
चरित्र | रचनाकाल × । लेखनकाल - सं० १६६७ ज्येष्ठ बुर्दा ५ । पूर्ण एवं शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं०
विशेष- चंपावती में पंडालू ने अन्य की प्रतिलिपि की थी।
११०२ प्रति नं २ | पत्र सं० २६ साइज - १०३x४ई इम्च । लेखनकाल x 1 अपूर्ण अन्तिम पत्र नहीं सामान्य शुद्ध दशा- जीर्णा । वेष्टन नं० ७० |
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मभित हैं ।
१६०५ पूर्ण एवं
। भाषा - हिन्दी विषयवेटन नं० ७१३ ।
पूर्ण-अन्तिम पत्र नहीं है ।
- ७३४ इन्च | लेखनकाल x पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध !
| भाषा-संस्कृत । विषय
११०४ प्रति नं ४ | पत्र सं० २६ | साइज - १०४३ इन्च । लेखनकाल- मं० १६६७ पौष सुदी ३ रविवार । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- सामान्य | वेष्टन नं०८७२ |
विशेष – आचार्य श्री अनन्तकोर्तिरि के शिष्य पंडित वस्तुपाल ने प्रतिलिपि की थी ।
- नराणा नाम नगरे चन्द्रप्रभजिन चैत्यालये श्री मं धर्मचन्द्राम्नाये खण्डेलवालान्वये
११०५ नागकुमार चरित्र धर्मघर | पत्र सं० १४ । साइज - १० ३x४ इब्न | भाषा-संस्कृत । विषयचरित्र । रचनाकाल १ लेखनकाल १० १५६= | पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य | वेष्टन नं० ८७३ |
विशेष - प्रशस्ति निम्न प्रकार है
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संवत् १५६८ वर्षे चैत्र मासे कृष्ण पक्षे दिवसे बुधवारे रात्र श्री मालदे राज्यप्रवर्तमाने कवर श्री. महेशप्रतापे
विशेष - श्री कमलकीर्ति ने रामसर स्थान पर प्रतिलिपि करवायी थी ।
११०६ प्रति नं० २ । पत्र सं० ६१ । साइज - ११४५ इव । लेखनकाल - सं० १५१६ | पूर्ण एवं सामान्य
शुद्र | दशा - जीर्ण | वेष्टन नं ० ८७४ ।
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