Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटके ]
जखही जखडी
८४१ गुटका नं० ३३ । पत्र सं० २६ । साइन-EX५३ इञ्च । लेखनकाल XI पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-जीर्थ । वेष्टन नं० ३१७ ॥
विशेष-पूजाओं एवं स्तोत्रों का संग्रह है। कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है ।
८४२ गुटका नं० ३४ ! पत्र सं० १६७ । साइज-exe इश्व ! लेखनकाल–सं० १७६७ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । दो गुटकों का सम्मिश्रण है । वेष्टन नं ० ३१८।। विषय-सूची
कर्ता का नाम
भाषा
विशेष प्राचार्य व उपाध्यार्यों के मुत्र अरिहन्तों के मुख्य पंचेन्द्रिय निरोध . १८ नातों का चौदाला
साह लोहट रूपचंद
जिनदास चेतनबत्तीसी
श्रवणपंडित उपदेशनचीसी मेषकुमारगीत मोहविवेककपन तत्त्वार्थस्त्र
उमास्वाति
संस्कल निर्वाणकांडगाया
प्राकृल
चनारसीदास द्वादशानुप्रैदा मक्तामरस्तोत्र भाषा .
हेमराज
हिन्दी पंचमगति की बेलि
हर्षकीर्चि बोगीरासो
जिनदास पदसंग्रह चाणक्य नीतिशास्त्र
चाणक्य
* साधुवंदना
संस्कृत
बोधपंचासिका
प्राकृत
८४३ गुटका नं०३५। पत्र सं० २७५ । साइज-XL इस । लेखनकाल-सं० १६५२ | पूर्ण एवं सामान्य द। दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ३१९ । विषय-सूची कर्ता का नाम
विशेष चामुंडराय
संस्कृत पहावदान विधि
हिन्दी
माषा
र भावनासंग्रह
।