Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटके ]
दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ३५२ ।
विषय-सूची
पप संमह
भजित शांति स्तवन
शासनदेवतास्तोत्र
शांतिस्तोत्र
कन्यायामन्दिर स्तोत्र
मायें । लिपि - विकृत | वेष्टन नं० ३५२ ।
विशेष --- मंत्रादि का संग्रह है ।
चर्चा का नाम
• 122
कुमुदचंद्र
६५५ गुटका नं० १४७ । पत्र सं० ४१ | साइज - ३७ च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं अशुद्ध | दशा
चम्यातमबत्तीसी
राञ्चल के पद
सच्चार्थसूत्र
कोक सार
-
भाषा
हिन्दी
प्राकृत
६५६ गुटका नं० १४८ पत्र सं० १४ | साइज ६-५३इन्न । लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ३५२ ।
विशेष – उल्लेखनीय संग्रह नहीं है ।
कर्ता का नाम बनारसीदास
- रूपचन्द
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उमास्वाति
संस्कृत
६५७ गुटका नं० १४६ | पत्र ० ३२ । सहज - १x६ इव । लेखनकाल । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं ० ३५३ ।
विशेष - स्तोत्र संग्रह है ।
६५६ गुटका नं० १५० | पत्र ४३ साइज -- ५४४ इम्च । लेखनकाल x पूर्ण एवं जीर्ण । लिपिविकृत | वेष्टन नं० ३५३ ।
विशेष – मंत्रादि का संग्रह है ।
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१.
६५६ गुटका नं० १५१ । पत्र से ८० | साइज - ६४६ इ । लेखनकाल- से० १७७८ श्रपूर्ण प्रारम्भ के १० पत्र नहीं हैं । वेष्टन नं ० ३५३ |
विषय-सूची कल्याणमन्दिरस्तोत्र
मक्तामर स्तोत्र
पंचकल्याण
भाषा
हिन्दी
53
१०६.
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39
विशेष
ג
संस्कृत
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ম