Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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हिन्दी
राइल का बारहमासा गुरूबों की अयमाल मजन व पद
विनोदीलाल ब्रह्म जिनदास
८१६ गुटका नं०११। पत्र सं० ६३ । साइज-५४४ इञ्च । लेखन काल-सं० १८५६ । पूर्ण एवं अशुभ दशा-उत्तम । वेष्टन नं० ३०१ । विषय-सूची
कर्ता का नाम
भाषा कमलबत्तीसी
हिन्दी अानन्दा
थानन्द
• ॥ ४२ पथ, एकसौ तेतालीस गुणों की हुण्डी
प्राकृत अहमद को वाणी
हिन्दी ८२० गुटका नं० १२ । पत्र सं० ३७६ १ साइज-=x७ इञ्च । लेखनकाल-सं० १६६७ । अपूर्ण-६६ २८ तक पत्र नहीं हैं । दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ३०२ |
विशेष--२३ पुजा व स्तोत्रों का संग्रह है । कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है ।
२१ गुटका नं०१३ | पत्र सं० १३० । साइज-६४५ इञ्च । लेखनकाल-सं० १७३८ । पूर्ण एवं सामान. शुद्ध ! दशा-सामान्य | वेष्टन नं.३०३।
विशेष—कोई उल्लेखनीय सामग्री नहीं है।
८२२ गुटका नं०१४। पत्र सं० ६६ । साइज-८४६ इञ्च | लेखनकाल 1 पूर्ण एवं सामान्य दशा-सामान्य | वेष्टन न. ०४! विषय-सूची की का नाम
माषा स्वरोदय मोहनदास
हिन्दी घोड़ा बोली का प्रयोग
८२३ गुटका नं० १५ । पत्र सं० २२ । साइज-x= इश्व । लेखनकाल ४। पूर्ण एवं सामान्य शुर दशा-सामान्य । वेष्टन नं० ३०५ । .. विशेष-तत्त्वार्थसूत्र एवं पंचमंगल श्रादि पाठों का संग्रह है।
८२४ गुटका नं० १६ । पत्र सं० २३ । साइज-sxs इञ्च । लेखनकाल x | पूर्ण एवं सामान्य शुन शा-सामान्य । वेष्टन नं० ३०६ ।
विशेष--उल्लेखनीय संग्रह
८२५ गुटका नं० १७ । पत्र सं० २२ । साइज-०६x६ इन्च । बैखनकाल x। अपूर्ण--प्रारम्म पत्र नहीं है । वेष्टन नं ० ३०७।
विशेष - उल्लेखनीय संग्रह नहीं है।
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