Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटके ]
सर्पद्विजकमा
पाय न कर्त्तव्य' का
सर्व मित्रकथा
कूटसाची वर्जनकथा
परवय कर्तव्य कथा
'स्थाने न वास कार्यो' कथा
'शळं प्रतिशठं कुर्यात् ' कथा
'स्त्रीषु गुखे न वाच्यं' कथा अन्य कमायें
धमालि
विषय-सूची
महारक को पिच्छिका देने का मंत्र
"कालोचना पाठ
महामदीक्षा विधि
पदस्थापन विधि
मट्टारकपदस्थापन विधि
दीपा पटल
या महाभिषेक
पदमंत्र
पदमंत्र
अनन्तविधि
नागुणमाला
पार्श्वनाथ पूजा
मुस्तोत्र
१ गुटका नं० १० । पत्र सं० ८ | साइज - ६५ इ । लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध । दशा- सामान्य । वेष्टन नं० ३०० ।
काड गाथा
सिषेक मंजन वर्णन
कर्चा का नाम
श्र० समन्तभद्र
संस्कृत
111
"
35
37
32
"
हिन्दी
"
"
"3
"3
+)
साषा
संस्कृत
19
"
27
प्राकृत
संस्कृत
33
...
हिन्दी
"
संस्कृत
प्राकृ
संस्कृत
हिन्दी
"
विशेष
स्वनाका सं० १७४८
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