Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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स्तोत्र
५३६ भक्तामर स्तोत्र - नानतु साचार्य 1 पत्र सं० १० १ साइज =४ इञ्च भाषा-संस्कृत | विजय स्तोत्र रचनाकाल - X। लेखनकाल - सं० २००३ | पूर्व एवं शुद्ध दशा - सामान्य वेटन नं० १३६ |
विशेष - हिन्दी अर्थ सहित है ।
५०
५४० प्रति नं २ पत्र सं
एवं शुद्ध ] दशा - सामान्य । वेष्टन नं ९३६ |
२४१ प्रति नं० ३ पत्र सं० २१ सय १०४४ लेखनकाल सं० १७५१ पूर्ण एवं मुद्र
।
दशा सामान्य । वेष्टन नं० १३६ ।
विशेष- प्रति सटीक है। टीकाकार श्री मेघविजयप्रभ हैं।
२४२ भक्तामर स्तोत्र - मानगाचार्य पत्र [सं० २४ रचनाकाल x | लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य विशेष- सुनहरी अक्षरों में लिखी हुई है।
५४३ प्रति नं २ | पत्र सं०
बेटन नं १३४ |
१२ साइज - ११५ । लेखनकाल सं० १६११ बुदी ११ प
वेष्टन नं. १३४ ॥
५४४ प्रति नं ३ पत्र सं० २०५ इम्न लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य
साइज १०३७ भाषा-संस्कृत विषय स्तोत्र हननं० १२४ ।
५४५ प्रति नं ४ | ०६ सा लेखनकाल x दशा सामान्य पूर्ण एवं शुद्ध । टन नं० १३४ |
वेष्टन नं० २३४ |
साइज - ४ इन्च । लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य "
५४६ प्रति नं० ५ पत्र ०४ साइज १२२ द लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य वेण्टन नं०] १३४ |
विशेष प्रति सटीक है ।
५४७ प्रति नं० ६ पत्र [सं० १० साइज - ११४५ ६ लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य वेन मं० १२४ ।
५४८ प्रति नं ७ पत्र सं साइज - ११३१३ लेखनकाल पूर्व एवं शुद्ध दशा - सामान्य
-
५४६ प्रति नं० ८ पत्र - ११ लेखनकाल पूर्व एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेटन नं ० १३४ |
५४० भक्तामर स्तोत्रटीका समयमुन्रोपाध्याय पत्र [सं०] १२ साइज - १९४५ इन्च भाषा-संस्कृत त्रिषय-स्तोत्र | रचनाकाल । लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध ५५१ भक्तामर स्तोत्रटीकाराम
। दशा सामान्य | वेष्टन नं० १३६ |
पत्र
सं० २६ | साइज १२९५६
भाषा-संस्कृत विषय
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