Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पूजा ]
विषय-पूजा साहित्य
प्रन्थसंख्या १६२
५५.
५६५ अनन्तचतुर्दशीपूजा
पत्र सं० ३३ । साइज १०३४२ इञ्च । भाषा-संस्कृत विषय पूजा रचनाकाल x | लेखनकाल x 1 अपूर्ण अन्तिम पत्र नहीं हैं। शुद्ध । दशा-सामान्य | वेटन नं १३ |
५६६ अनन्तनाश्चपूजा - श्री भूषण | पत्र सं० १ | साइज - ११४५ इव । भाषा संस्कृत | विषय - पूजा । रचनाकाल x | लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य । वैन्टन नं० १४१
५६७ प्रति नं २ | पत्र सं १ | साइज - ११४४३ इञ्च | लेखनकाल x 1 पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । बेटन नं० १४ |
२६८ अनन्तत्रतोद्यापनपूजा - आचार्य भूषण पत्र सं० २२ | साइज - १४४३ इष्च | भाषा-संस्कृत विषय-पूजा | रचनाकाल । लेखनकाल - सं० १८१६ | अपूर्ण २१ व पत्र नहीं हैं । शुद्ध | दशा- सामान्य |
न नं० १२ ।
५६६ प्रति नं २ । पत्र सं० = साइज - ११४६ इञ्च | लेखनकाल x 1 पूण एवं शुद्ध | दशा - सामान्य बेन नं० १३ ।
६०० अनन्तत्रतोद्यापनपूजा भट्टारक गुणभद्र । पत्र सं ४४ | साइज १५४ २३ । भाषा–संस्कृत | विषय - पूजा | रचनाकाल x | लेखनकाल - सं० १८७१ श्रासो बुदो १० । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १२ ।
विशेष – दो प्रकार की प्रतियों का सम्मिश्रण है ।
६०१ प्रति नं २ | यत्र सं० २६ | साइज - १०३५ इव । लेखनकाल - सं० १८६६ भादवा बुदी ह पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | श्रेष्टन नं० १२ |
६०२ प्रति नं ३ | पत्र सं०-२६ | साइज - १२X४ ३ ६ लेखनकाल x । पूर्ण एवं शुद्ध दशासामान्य | वेष्टन नं० १२ |
६०३ अभिषेकविधि - (वृहद ) श्री श्रदेव | पत्र सं० ३३ । साइन - १०३x४३ इस | भाषा-संस्कृत | विषय-पूजा । रचनाकवल X | लेखनकाल । पूर्ण प्रथम २ पत्र नहीं हैं। दशा - सामान्य | वेष्टन नं० ६ |
विशेष- - १० पत्र तक जिनसहरुनाम स्तवन हैं दो प्रकार की लिपियां है। कहीं र संस्कृत में पर्यायवाची शब्द दिये हुये हैं ।
६०४ अभिषेकविधि - अभयनन्दि । पत्र सं० ७ | साहज ११९५ इन्च | भाषा संस्कृत विषय-पूजा T रचनाकाल x | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध 1 दशा उत्तम । वेष्टन नं० २५७ ।
६०५ अभिषेकविधि | पत्र सं. २ | साइने - १०९४ इञ्च | भाषा संस्कृत | विषय - पूजा | रचनाकाल × । लेखनकाल | पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ६ ।