Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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४६६ बारहखडी
काल x लेखनकाल - १० १०३१ माह बुदी ७ ।
सुभाषित
| पत्र ०६ साइज - ०५६ इत्र । भाषा - हिन्दी विषय - सुभाषित | रचनापूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १३३ ।
साइज - ७÷५ इव । लेखनकाल x १ अपूर्ण एवं शुद्ध दशा
४७० प्रति नं २ | पत्र सं० :
सामान्य | वेष्टन नं० १३३ |
'४७१ सभातरंग' 1 पत्र रचनाकाल x | लेखनकाल | पूरी एवं शुद्ध
०३५ | साइज - ११३५ इश्व | भाषा-संस्कृत विषय सुभाषित दशा - सामान्य | बेन्दन नं० २२७ |
४५२ सिन्दूरप्रकरा -कौरपाल बनारसीदास | पत्र सं० ४३ | साइज - ४३४ मुभाति । रचनाकाल सं० १६६१ । लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २३६ ।
४७३ सू. मुक्ता-सोमप्रभ । पत्र सं १४ | साइज - १२X४ इ | भाषा संस्कृत | विषय - सुभाषित | रचनाकाल × । लेखनकाल । पूर्ण -पद्य सं० १०० | शुद्ध | दशा - सामान्य | बेष्टन नं० २६५ |
विशेष—प्रति सटीक है टीकाकार हर्न कोति है ।
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| भाषा - हिन्दी | विषय
जीर्ण । येष्टन नं० २३६ ।
४७४ प्रति न० २ । पत्र सं० ११ | साइज - १०३४४ इ | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दशासामान्य | वेष्टन नं० २३६ |
४७५ प्रति नं० ३ | पत्र [सं० २४ | साइज - १०x४३ इव । लेखनकाल | अपूर्ण ४४ पद्य तक हो है
विशेष प्रति सटीक है।
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४७६ प्रति नं ४ पत्र सं० १४ । सहिजे - ११४४ इव । लेखनकाल x पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य वेष्टन नं ० २७३ |
४७७ सुभाषिताव -म० शुभचंद्र | पत्र सं०७० | साइज १०३x६ इ रचनाकाल × | लेखनकाल x । पूर्ण एवं 'सामान्य शुद्ध । दशा-सामान्य । वेष्टन नं ० २३० |
| भाषा-संस्कृत | विषय - सुभाषित |
४७ सुभाषितावली - सकलकीर्त्ति | पत्र सं० २५ | साइज - ११४५३ इव । भाषा - संस्कृत | विषय - भाषित। रचनाकाल × | लेखनकाल- सं० २७६५ माघ शुक्ला १ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२७ |
विशेष-पं खुशालचंद ने महाराष्ट्र में प्रतिलिपि की थी ।
४७६ प्रति नं० २ । पत्र सं० २७ | साइज १०३४४ इन्च | लेखनकाल - सं० १६१८ कार्त्तिक सुदी २ | पूर्ण प्रारम्भ के २० पत्र नहीं हैं । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २२७ ।
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विशेष - हिसार में साधु महसेन ने प्रतिलिपि बनायी थी ।
| पत्र सं० १ | साइज
४८० सूरत की बारहखडी १९४५३ च । माषा - हिन्दी | विषय - सुभाषित ! रचनाकाल × । लेखनकाल- सं० १६५८ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य । वेष्टन नं० २३४ ।