Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 12
________________ COORDAR डे नौजवान | प्रगति के पथ पर आगे बढो। गति में गुमराह मत हो । प्रगति मे प्रवल पुरुषार्थ, मजबूत मनोवल व महापुरुषो का मार्गदर्शन अपेक्षित है । चलो, अन्धकार को मिटा दो, प्रकाग तुम्हारे इन्तजार में है। A [ २ ] कहाँ पहुँचना है, लक्ष्य निश्चित करो । खूब सोच विचार कर निर्णय करो। फिर उस लक्ष्य तक पहुँचने का पुरुषार्थ आरभ करो। हिम्मत से आरम्भ करो। A P L

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