________________
MALJ
ity
Inामा
[ १४ ] भविष्य के सकटो की कल्पना करके तू आज क्यो अशान्त बनता है ? छोड दे ऐमी तुच्छ कल्पनाएँ
और मन प्रसन्न रख । ससार मे किसके जीवन मे संकट नही आते ? भोगी के जीवन मे सकट और योगी के जीवन में भी सकट | स्वार्थी के जीवन मे सकट और नि स्वार्थी के जीवन मे भी सकट | सकटो के सामने घुटने टेकने की आवश्यकता नहीं है, सकटो का वीरता से मुकावला करो। जो सकट आज तेरे सामने नहीं है, उसके भय से मुक्त हो जा।
१२ ]