Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 83
________________ -- - [८२ ] अंधे मनुष्य को कहना कि "देखो सूर्य का प्रकाश कितना तेजस्वी है ।" अधे के लिए यह बात क्या महत्व रखती है ? अंधे को प्रकाश बताने का कोई मतलव नही अधे को तो दृष्टि दो? . .. ARRIOR [८३ ] खहाँ उपचार की आवश्यकता है, वहां उपदेश कुछ भी नही कर सकता। आज उपचार की जगह उपदेश दिया जा रहा है। HTTA parmireoमम्म SpreaWAA ७२ ] 4E

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