Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 102
________________ [ १०४ ] V यदि आपके पास ज्ञान की गहराई नही है, भले ही क्रियाओ का विस्तार हो, तो सभावना है कि आप क्रियामार्ग से कभी भी फिसल जाओगे | तालाव जल्दी । सूख जाता है. 'ताप पडा नही और तालाब सूखा नही | विषय कपायो के ताप से कई क्रियावान् सूख गये ..."ज्ञान का गहरा कुआ सूखता नही " भयकर गर्मी में भी वह शीतल पानी देता रहता है ! M20KS

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