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ध्यान करना है ? परमात्मा का ध्यान करना है ? तो एक काम करो : मन पर से विकल्पो व विकारो का भार उतार दो। विकल्प और विकार ही हमे ध्यान में स्थिर नही होने देते है। दुनिया भर के विचार और विषय सुखो के विकार, मन को अस्थिर चचल, उद्विग्न और सन्तप्त करते है। विचारो से मुक्त वनो, विकारो से मुक्त बनो, परमात्मध्यान मे मग्न हो जाओगे।
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