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FIRTA
त उसको चाहता है, इसलिये वह तुझे चाहे ही, ऐसा नियम नहीं है। क्या तुझे जो चाहते है, उनको तू चाहता है ? मन के प्रश्नो का ऐसा समाधान करे, जिस समाधान से मन शान्ति का अनुभव करे। सव शास्त्रो, ग्रन्थो, कितावो आदि से यही तो पढना है | मन के समाधान की कु जियाँ । सदैव प्रसन्न रहने का यही मार्ग है। 'वह क्यो नहीं चाहता ?' इस प्रश्न का समाधान नही है क्या?
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