Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 92
________________ Kes [ ६३ ] WIK 4 . CA. प्रपनी भूमिका को समझो । NATURE AM Tiatun भूमिका.के कर्तव्यो को समझो। वर्तमान भूमिका के कर्तव्यो को नही समझने वाला मनुष्य उच्चतर भूमिकाओ की बात करता है । अपनी भूमिका सोचना चाहिये, तव अपने कर्तव्यो के प्रति लक्ष्य केन्द्रित कर पुरुषार्थ करना चाहिये। तव विकास होता है, तब उन्नति होती है । परमात्मा जिनेश्वरदेव ने मनुष्य की सब भूमिकामो को लेकर उचित कर्तव्यो का उपदेश दिया है। CLI [८१

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